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27 May 2020 · 1 min read

-:।। जीवन का अनुभव ।।:-

जीवन में जितने भी रिश्ते ढोए हैं,
पग पग पर प्यार पिरोए हैं।

दूजे खुशियों में झूमे नाचे गए हैं,
अपनी खुशीयां तो खुद ही गवाये हैं।

जीवन की यादों में खुद ही खोए हैं,
जागी आंखो में आंसू ही पाए है।

अंत समय चलने को आए हैं,
बगीयां के फूल से हम कहने आए हैं।

तेरे ही लिये इस बगीयां को सजाए हैं।

गौ, गंगा, गीता, गायत्री को तुझसे नमन कराये हैं।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 441 Views
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