Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2016 · 1 min read

ज़िन्दगी बन कर कहानी रह गई

ज़िन्दगी बन कर कहानी रह गई
ज्यूँ बुढ़ापे सी जवानी रह गई

दर दरीचे खोल दे घर बार के
अब नहीं बिटिया सयानी रह गई

नाव कागज़ की चलायेंगे कहाँ?
देख गंगा तक बे-पानी रह गई

झूठ अपनी शान में मदहोश है
कटघरे में सच बयानी रह गई

पेट भर कर और का भूखे मरें
इस वतन में यूँ किसानी रह गई

बात मत कर अब ज़मीरों की यहाँ
जब तवायफ राज-रानी रह गई

लाख बातें कर के आया हूँ उसे
अब भी कुछ उसको सुनानी रह गई

मौज में दुनिया है , बामुश्किल मगर
मुददतों से, बस दिवानी रह गई

2 Comments · 336 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"वो यादगारनामे"
Rajul Kushwaha
"राष्ट्रपति डॉ. के.आर. नारायणन"
Dr. Kishan tandon kranti
💤 ये दोहरा सा किरदार 💤
💤 ये दोहरा सा किरदार 💤
Dr Manju Saini
Mere hisse me ,
Mere hisse me ,
Sakshi Tripathi
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
पूर्वार्थ
लालच का फल
लालच का फल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
होली पर
होली पर
Dr.Pratibha Prakash
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नश्वर तन को मानता,
नश्वर तन को मानता,
sushil sarna
सुप्रभात
सुप्रभात
Arun B Jain
राना दोहावली- तुलसी
राना दोहावली- तुलसी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुहब्बत
मुहब्बत
Pratibha Pandey
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
अच्छा इंसान
अच्छा इंसान
Dr fauzia Naseem shad
💐अज्ञात के प्रति-138💐
💐अज्ञात के प्रति-138💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कब हमको ये मालूम है,कब तुमको ये अंदाज़ा है ।
कब हमको ये मालूम है,कब तुमको ये अंदाज़ा है ।
Phool gufran
The life of an ambivert is the toughest. You know why? I'll
The life of an ambivert is the toughest. You know why? I'll
Sukoon
" जिन्दगी क्या है "
Pushpraj Anant
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
Vishal babu (vishu)
नयी सुबह
नयी सुबह
Kanchan Khanna
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
Ranjeet kumar patre
दास्ताने-इश्क़
दास्ताने-इश्क़
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
■ मेरे स्लोगन (बेटी)
■ मेरे स्लोगन (बेटी)
*Author प्रणय प्रभात*
✍️पर्दा-ताक हुवा नहीं✍️
✍️पर्दा-ताक हुवा नहीं✍️
'अशांत' शेखर
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी किरदार है
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी किरदार है
Neeraj Agarwal
समय गुंगा नाही बस मौन हैं,
समय गुंगा नाही बस मौन हैं,
Sampada
*पॉंच दोहे : पति-पत्नी स्पेशल*
*पॉंच दोहे : पति-पत्नी स्पेशल*
Ravi Prakash
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
Basant Bhagawan Roy
सेंगोल और संसद
सेंगोल और संसद
Damini Narayan Singh
Loading...