Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2020 · 1 min read

ज़िद नहीं करते !

जो मिल ना सके उसे पाने की ज़िद नहीं करते!
जो ना हो उसको अपनाने की ज़िद नहीं करते!

जिस वक्त आया हुआ होता हैं समंदर मे तुफ़ां!
तब साहिल पर घर बनाने की ज़िद नहीं करते!
✒Anoop S.

Language: Hindi
3 Likes · 204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आजकल बहुत से लोग ऐसे भी है
आजकल बहुत से लोग ऐसे भी है
Dr.Rashmi Mishra
श्री कृष्ण का चक्र चला
श्री कृष्ण का चक्र चला
Vishnu Prasad 'panchotiya'
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय 6
[पुनर्जन्म एक ध्रुव सत्य] अध्याय 6
Pravesh Shinde
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
Rj Anand Prajapati
नेता या अभिनेता
नेता या अभिनेता
Shekhar Chandra Mitra
मेरी कलम
मेरी कलम
Dr.Priya Soni Khare
दुआ
दुआ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
Phool gufran
मार मुदई के रे
मार मुदई के रे
जय लगन कुमार हैप्पी
काव्य
काव्य
साहित्य गौरव
इस टूटे हुए दिल को जोड़ने की   कोशिश मत करना
इस टूटे हुए दिल को जोड़ने की कोशिश मत करना
Anand.sharma
खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे
खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
💐प्रेम कौतुक-504💐
💐प्रेम कौतुक-504💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
Manisha Manjari
बरबादी   का  जश्न  मनाऊं
बरबादी का जश्न मनाऊं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैंने पत्रों से सीखा
मैंने पत्रों से सीखा
Ms.Ankit Halke jha
■ जय लोकतंत्र■
■ जय लोकतंत्र■
*Author प्रणय प्रभात*
कौन कितने पानी में
कौन कितने पानी में
Mukesh Jeevanand
कविता: घर घर तिरंगा हो।
कविता: घर घर तिरंगा हो।
Rajesh Kumar Arjun
बावरी
बावरी
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
अखंड भारतवर्ष
अखंड भारतवर्ष
Bodhisatva kastooriya
*मायूस चेहरा*
*मायूस चेहरा*
Harminder Kaur
अंधे रेवड़ी बांटने में लगे
अंधे रेवड़ी बांटने में लगे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
रोम-रोम में राम....
रोम-रोम में राम....
डॉ.सीमा अग्रवाल
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिल की धड़कन भी तुम सदा भी हो । हो मेरे साथ तुम जुदा भी हो ।
दिल की धड़कन भी तुम सदा भी हो । हो मेरे साथ तुम जुदा भी हो ।
Neelam Sharma
आओ कृष्णा !
आओ कृष्णा !
Om Prakash Nautiyal
आजकल की औरते क्या क्या गजब ढा रही (हास्य व्यंग)
आजकल की औरते क्या क्या गजब ढा रही (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
प्यारी तितली
प्यारी तितली
Dr Archana Gupta
*त्रिशूल (बाल कविता)*
*त्रिशूल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Loading...