ज़िंदगी में तोल मोल
ज़िंदगी में तोल मोल
जब ज़िंदगी में तोल मोल आ जाये
ज़िंदगी तब गोल मोल हो जाती है,
बहती ज़िंदगी , बर्फ बन जाती है,
और भाप बन उड़ जाती है |
ज़िंदगी एक बार , बर्फानी बन , रूहानी हो जाये,
तो तिलस्मी हो जाती है, फिर कभी नहीं बहती |
जोशे आगोश में खो देते लोग होश
रोते रहते सारी उम्र, जब खो चुके होते, ज़िंदगी की डोर अभी भी वक़्त है, गिरेवां में देख
खो न बैठ सबकुछ , अपनी ज़िंदगी के सफर मेँ |