ज़माना बदल गया
Hahaha…..
ज़ामाना बदल गया |
तुम कहते हो —–ज़माना बदल गया,
वह कहता हैं —–ज़माना बदल गया,
यह कहता हैं —– ज़माना बदल गया,
ज़माना कहता हैं —- ज़माना बदल गया !!!!!!!!
ह्द हो गई ?
ज़माना न उपर वलो ने बदली —– (अमिरो ने )
ज़माना न निचे वलो ने बदली —– गरीबो ने )
ज़माना बीच वलो ने ,
ढ़ाक के तीन ताल के ,
जन्दगी से तंग आ कर,
रोज के घिसी पिटी ,
ज़िन्दगी से ऊब कर,
कुछ न कर पाने की क्षमता पर ,
अपने आँखो में मारिचिकता की
पट्टी बांध कर ——-
ज़माने को ;
अपने आप में बदल दिया |
हकिकत आज भी वही हैं ,
जो था , हैं , रहेगा —–
न दिन बदला ; न रात ,
न दिशा बदली ; न दशा ;
न दुख बदला , न सुख
आदमी ने अपने आप को ,
अपने में छीपा कर ,
गुहार लगाई —— ज़माना बदल गया |
सब — वह हो गये , हम – तुम हो गये ;
समाज को समा दिया ; भगवान को भगा दिया ;
मन्दिर में ताला लगाई ; मन में भ्रम लगया ;
हम को ; तेरी — मेरी की ——
दुसरो के सुख में दुखी हो —-;
गुहार लगाई ——– ज़माना बदल गया |
Dated: 10th June 2006,
A- 134C, Shipra Riviera ,
Indirapuran , Ghaziabad .