Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2018 · 1 min read

ग़ज़ल:-लिखे जो गीत हैं मैंने

वह्र:- 1222 1222 1222 1222
लिखे जो गीत हैं मैंने कभी तुम गुन गुनाओगे।
रहूँगा याद बनकर मैं मुझे तुम दिल में पाओगे।।

न समझो आज तुम मुझको नही कोई गिला शिकवा।
उठेगी लाश जब मेरी मेरा मातम मनाओगे।।

लिखा गीता में भी कुछ यूं करोगे जो भरोगे तुम।
किए हैं कर्म जो तुमने तो फल वैसा ही पाओगे।।

मैं तेरे पास था जब तक क़दर मेरी न समझा तूं।
चला दुनिया से जाऊँगा तो फिर सोते जगाओगे।।

लहू मैंने जलाया है सुरीले गीत लिखने में।
रहेगा ‘कल्प’ रोशन अब शमां ये तुम जलाओगे।।
✍?अरविंद राजपूत ‘कल्प’

468 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ముందుకు సాగిపో..
ముందుకు సాగిపో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*गैरों सी! रह गई है यादें*
*गैरों सी! रह गई है यादें*
Harminder Kaur
नन्हे बाल गोपाल के पाच्छे मैया यशोदा दौड़ लगाये.....
नन्हे बाल गोपाल के पाच्छे मैया यशोदा दौड़ लगाये.....
Ram Babu Mandal
तुम पतझड़ सावन पिया,
तुम पतझड़ सावन पिया,
लक्ष्मी सिंह
2956.*पूर्णिका*
2956.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आपकी तस्वीर ( 7 of 25 )
आपकी तस्वीर ( 7 of 25 )
Kshma Urmila
पढ़ाई -लिखाई एक स्त्री के जीवन का वह श्रृंगार है,
पढ़ाई -लिखाई एक स्त्री के जीवन का वह श्रृंगार है,
Aarti sirsat
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
होरी के हुरियारे
होरी के हुरियारे
Bodhisatva kastooriya
कोई नही है अंजान
कोई नही है अंजान
Basant Bhagawan Roy
प्रबुद्ध प्रणेता अटल जी
प्रबुद्ध प्रणेता अटल जी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Bhut khilliya udwa  li khud ki gairo se ,
Bhut khilliya udwa li khud ki gairo se ,
Sakshi Tripathi
"छलनी"
Dr. Kishan tandon kranti
छोटी सी प्रेम कहानी
छोटी सी प्रेम कहानी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
भगिनि निवेदिता
भगिनि निवेदिता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
gurudeenverma198
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
Neerja Sharma
सफलता यूं ही नहीं मिल जाती है।
सफलता यूं ही नहीं मिल जाती है।
नेताम आर सी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बहरों तक के कान खड़े हैं,
बहरों तक के कान खड़े हैं,
*Author प्रणय प्रभात*
मिला है जब से साथ तुम्हारा
मिला है जब से साथ तुम्हारा
Ram Krishan Rastogi
अर्जुन धुरंधर न सही ...एकलव्य तो बनना सीख लें ..मौन आखिर कब
अर्जुन धुरंधर न सही ...एकलव्य तो बनना सीख लें ..मौन आखिर कब
DrLakshman Jha Parimal
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
* काव्य रचना *
* काव्य रचना *
surenderpal vaidya
बाबूजी।
बाबूजी।
Anil Mishra Prahari
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Sukoon
Loading...