#ग़ज़ल-56
अरक़ान–फ़ाइलुन+फ़ाइलुन+ फ़ाइलुन
वज़्न–212+212+212
रदीफ़-से
काफ़िया-आज-काज-राज-नाज़-ताज-लाज-बाज
मैं नहीं हम बने आज से
हो ख़ुशी आपके काज से/1
एक सबपर नज़र है रखे
बेख़बर वो नहीं राज़ से/2
सुन वफ़ाई न करना कभी
झूठ के हर बने नाज़ से/3
भूल मन की सुधारो ज़रा
कर्म से भूप ना ताज से/4
चोट से ना मरे आदमी
पर मरे है सदा लाज से/5
तुम उड़ो हौंसलों से मगर
तेज़ बनकर किसी बाज से/6
-आर.एस.’प्रीतम’