Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2020 · 1 min read

ग़ज़ल/गीतिका

तख़्त-ओ-ताज अमीरों को मिला करता है,
ग़रीब फ़टी चादर हर वक्त सिला करता है,
हम हैं परिन्दें इस कौम के असली वारिस,
तस्वीर बनाने में तो हर हाथ घिसा करता है।
बड़ी अदब से रौशनी तो कत्लेआम हुई,
हमारे जिस्म की हर घाव सरेआम हुई,
मिट्टी चमकी है जब लहू लहूलुहान हुआ,
नाज़ वो मिट्टी किसी और को नीलाम हुई।
ज़ख्म के डर से जज़्बात कहीं मरते है,
बाज़िया जो जीते हैं बदलाव वही करते हैं,
ढल गए रक्त तो इतिहास बना करते हैं,
ऐसी कुर्बानी पर सवाल नहीं करते हैं।

4 Likes · 4 Comments · 221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3026.*पूर्णिका*
3026.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कृष्णा सोबती के उपन्यास 'समय सरगम' में बहुजन समाज के प्रति पूर्वग्रह : MUSAFIR BAITHA
कृष्णा सोबती के उपन्यास 'समय सरगम' में बहुजन समाज के प्रति पूर्वग्रह : MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
होने को अब जीवन की है शाम।
होने को अब जीवन की है शाम।
Anil Mishra Prahari
"रंगमंच पर"
Dr. Kishan tandon kranti
ईश्वर की महिमा...…..….. देवशयनी एकादशी
ईश्वर की महिमा...…..….. देवशयनी एकादशी
Neeraj Agarwal
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
Dr Archana Gupta
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
कवि रमेशराज
ये वादियां
ये वादियां
Surinder blackpen
पथिक तुम इतने विव्हल क्यों ?
पथिक तुम इतने विव्हल क्यों ?
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
' जो मिलना है वह मिलना है '
' जो मिलना है वह मिलना है '
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
बताता कहां
बताता कहां
umesh mehra
They say,
They say, "Being in a relationship distracts you from your c
पूर्वार्थ
रिश्ते-नाते
रिश्ते-नाते
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
रातों की सियाही से रंगीन नहीं कर
Shweta Soni
भ्रम
भ्रम
Shiva Awasthi
Life is a rain
Life is a rain
Ankita Patel
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
तुम आये तो हमें इल्म रोशनी का हुआ
तुम आये तो हमें इल्म रोशनी का हुआ
sushil sarna
Ek din ap ke pas har ek
Ek din ap ke pas har ek
Vandana maurya
जीवन का आत्मबोध
जीवन का आत्मबोध
ओंकार मिश्र
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
सत्य कुमार प्रेमी
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
Jatashankar Prajapati
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
दे ऐसी स्वर हमें मैया
दे ऐसी स्वर हमें मैया
Basant Bhagawan Roy
क्या कहे हम तुमको
क्या कहे हम तुमको
gurudeenverma198
अगनित अभिलाषा
अगनित अभिलाषा
Dr. Meenakshi Sharma
मैं चाँद को तोड़ कर लाने से रहा,
मैं चाँद को तोड़ कर लाने से रहा,
Vishal babu (vishu)
मंत्र  :  दधाना करपधाभ्याम,
मंत्र : दधाना करपधाभ्याम,
Harminder Kaur
// प्रसन्नता //
// प्रसन्नता //
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
■ विशेष दोहा...
■ विशेष दोहा...
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...