ग़रीबी-अमीरी-इश्क़ और शराफत
खप्पर छानी के घर से कोई गरीब नहीं हो जाता हैँ,
ऊंचे महलो से कोई अमीर नहीं हो जाता हैँ //
घुलना-मिलना तो कइयों से लगा रहता हैँ…साहब,
चार दिन वक़्त बिता लेने से, कोई दिल के करीब नहीं हो जाता हैँ //
लोग रखते हैँ कई शौख,करते हैँ कई चीजों का नशा,
खाली नशा करने और अपशब्दों से कोई शरीफ नहीं हो जाता हैँ //