Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2017 · 1 min read

ख़्वाब

मैंने देखा था इक ख़्वाब मगर
आँख लगने लगी उसमें मेरी
हर हक़ीक़त बनने लगा ख़्वाब
जब लेने लगा मैं ख़्वाब ही ख़्वाब ।।
तन्द्रा टूटी-2 जबी मेरी
हक़ीक़त कुछ और बयां करती थी
जिंदगी मेँ-2 चलना था
हकीकत के इशारों पर-2
मैंने समझा था तब
ख़्वाब होते नहीं सब पूरे-2
अब जिन्दगी का रुख मैंने पहचाना
बदली दुनियां मेरी-2
बदला ख़्वाब का रुख अनजाना
जीना सीखा है अब मैंने-2
जिन्दगी की हकीकत के सहारे
ख़्वाब का सिलसिला-2
हकीकत के दायरे में अब ढला
मैंने देखा इक ख़्वाब मगर ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: गीत
513 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
जीवन
जीवन
Rekha Drolia
दीनानाथ दिनेश जी से संपर्क
दीनानाथ दिनेश जी से संपर्क
Ravi Prakash
2588.पूर्णिका
2588.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"चांद पे तिरंगा"
राकेश चौरसिया
सत्संग
सत्संग
पूर्वार्थ
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
Awadhesh Kumar Singh
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
Shweta Soni
प्रेस कांफ्रेंस
प्रेस कांफ्रेंस
Harish Chandra Pande
क्या आप उन्हीं में से एक हैं
क्या आप उन्हीं में से एक हैं
ruby kumari
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
Swami Ganganiya
आज यूँ ही कुछ सादगी लिख रही हूँ,
आज यूँ ही कुछ सादगी लिख रही हूँ,
Swara Kumari arya
*.....मै भी उड़ना चाहती.....*
*.....मै भी उड़ना चाहती.....*
Naushaba Suriya
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
❤️एक अबोध बालक ❤️
❤️एक अबोध बालक ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"झूठी है मुस्कान"
Pushpraj Anant
बौद्ध धर्म - एक विस्तृत विवेचना
बौद्ध धर्म - एक विस्तृत विवेचना
Shyam Sundar Subramanian
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
सादगी तो हमारी जरा……देखिए
सादगी तो हमारी जरा……देखिए
shabina. Naaz
छल ......
छल ......
sushil sarna
ज़रूरत के तकाज़ो पर
ज़रूरत के तकाज़ो पर
Dr fauzia Naseem shad
मेरी तू  रूह  में  बसती  है
मेरी तू रूह में बसती है
डॉ. दीपक मेवाती
ईश्वर से बात
ईश्वर से बात
Rakesh Bahanwal
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
ओनिका सेतिया 'अनु '
कोई...💔
कोई...💔
Srishty Bansal
■ चार पंक्तियां अपनी मातृभूनि और उसके अलंकारों के सम्मान में
■ चार पंक्तियां अपनी मातृभूनि और उसके अलंकारों के सम्मान में
*Author प्रणय प्रभात*
मैं पढ़ने कैसे जाऊं
मैं पढ़ने कैसे जाऊं
Anjana banda
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
दो अक्षर में कैसे बतला दूँ
Harminder Kaur
दिवाली का संकल्प
दिवाली का संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...