Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2018 · 1 min read

ख़िलाफ़

मुझसे होकर तो जाती है
मग़र तुझसे होकर नही आती
ये हवा भी मेरे #ख़िलाफ़ चलती है।

सारा मोहल्ला हुआ रौशन
अंधेरा मेरे घर रह गया
ये रौशनी भी मेरे #ख़िलाफ़ चलती है।

मैं अपने हिसाब से चलूं
या जमाने के हिसाब से चलूं
ये घड़ी भी मेरे #ख़िलाफ़ चलती है।

मैं जिंदगी से हूं तंग
और अपनी मौत मांगता हूं
सांसे भी मेरे #ख़िलाफ़ चलती है।

अब क्या कोई चले ना चले
जब अपना ही बस ना चले
ये चाहते भी मेरे #ख़िलाफ़ चलती है।

पहले मैं चला था या
ये चाल तुम चली थी
ज़िन्दगी भी मेरे #ख़िलाफ़ चलती है।

वो कहती है तुम ठहरो
अब मैं चलती हूं
बातें भी मेरे #खिलाफ़ चलती है।

नीरा नंदन ‘तेजस’

Language: Hindi
259 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज की जरूरत~
आज की जरूरत~
दिनेश एल० "जैहिंद"
खता मंजूर नहीं ।
खता मंजूर नहीं ।
Buddha Prakash
सावन के पर्व-त्योहार
सावन के पर्व-त्योहार
लक्ष्मी सिंह
तुम गंगा की अल्हड़ धारा
तुम गंगा की अल्हड़ धारा
Sahil Ahmad
तेरा कंधे पे सर रखकर - दीपक नीलपदम्
तेरा कंधे पे सर रखकर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
जिस काम से आत्मा की तुष्टी होती है,
जिस काम से आत्मा की तुष्टी होती है,
Neelam Sharma
यहाँ तो मात -पिता
यहाँ तो मात -पिता
DrLakshman Jha Parimal
तड़प कर मर रही हूं तुझे ही पाने के लिए
तड़प कर मर रही हूं तुझे ही पाने के लिए
Ram Krishan Rastogi
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
ফুলডুংরি পাহাড় ভ্রমণ
Arghyadeep Chakraborty
तेरे दरबार आया हूँ
तेरे दरबार आया हूँ
Basant Bhagawan Roy
तुम्हें प्यार करते हैं
तुम्हें प्यार करते हैं
Mukesh Kumar Sonkar
इस दौर में सुनना ही गुनाह है सरकार।
इस दौर में सुनना ही गुनाह है सरकार।
Dr. ADITYA BHARTI
ट्यूशन उद्योग
ट्यूशन उद्योग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सुनो . . जाना
सुनो . . जाना
shabina. Naaz
2409.पूर्णिका
2409.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दादी की कहानी (कविता)
दादी की कहानी (कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
■ प्रसंगवश :-
■ प्रसंगवश :-
*Author प्रणय प्रभात*
Expectation is the
Expectation is the
Shyam Sundar Subramanian
आसमाँ के अनगिनत सितारों मे टिमटिमाना नहीं है मुझे,
आसमाँ के अनगिनत सितारों मे टिमटिमाना नहीं है मुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
कलयुगी की रिश्ते है साहब
कलयुगी की रिश्ते है साहब
Harminder Kaur
मक्खनबाजी में सदा , रहो बंधु निष्णात (कुंडलिया)
मक्खनबाजी में सदा , रहो बंधु निष्णात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
सत्य संकल्प
सत्य संकल्प
Shaily
शुभ होली
शुभ होली
Dr Archana Gupta
क्या ईसा भारत आये थे?
क्या ईसा भारत आये थे?
कवि रमेशराज
अंधेरों रात और चांद का दीदार
अंधेरों रात और चांद का दीदार
Charu Mitra
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी  का,
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी का,
Yogendra Chaturwedi
गांधी से परिचर्चा
गांधी से परिचर्चा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
Loading...