Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2017 · 1 min read

ख़ामोशी

ख़ामोशी……

जाने कितनी आवाज़ों का ख़ून बहा कर
चैन से सोई है कमरे में ख़ामोशी।
अब कोई आवाज़ न करना,
चुप रहना
एक भी हर्फ़ अगर ग़लती से
तेरे लबों से छूट गया
और गिर कर फर्श पे छन से टूट गया तो
तड़प तड़प कर मर जाएगी ख़ामोशी,,,,

Language: Hindi
229 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ऐसी विकट परिस्थिति,
ऐसी विकट परिस्थिति,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पूछ रही हूं
पूछ रही हूं
Srishty Bansal
काजल
काजल
SHAMA PARVEEN
इज़हार ए मोहब्बत
इज़हार ए मोहब्बत
Surinder blackpen
कौन यहाँ पर पीर है,
कौन यहाँ पर पीर है,
sushil sarna
दोहे नौकरशाही
दोहे नौकरशाही
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मेरे तात !
मेरे तात !
Akash Yadav
टूटे बहुत है हम
टूटे बहुत है हम
The_dk_poetry
*पद का मद सबसे बड़ा, खुद को जाता भूल* (कुंडलिया)
*पद का मद सबसे बड़ा, खुद को जाता भूल* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
कवि रमेशराज
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
Ranjeet kumar patre
उजियारी ऋतुओं में भरती
उजियारी ऋतुओं में भरती
Rashmi Sanjay
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभ मंगलकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
फूल
फूल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
Rj Anand Prajapati
2345.पूर्णिका
2345.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दिल में भी
दिल में भी
Dr fauzia Naseem shad
दर्द  जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
दर्द जख्म कराह सब कुछ तो हैं मुझ में
Ashwini sharma
झुंड
झुंड
Rekha Drolia
भोजपुरीया Rap (2)
भोजपुरीया Rap (2)
Nishant prakhar
दवा की तलाश में रहा दुआ को छोड़कर,
दवा की तलाश में रहा दुआ को छोड़कर,
Vishal babu (vishu)
वो शख्स अब मेरा नहीं रहा,
वो शख्स अब मेरा नहीं रहा,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
अनिल कुमार
अमीर
अमीर
Punam Pande
मजबूरियां थी कुछ हमारी
मजबूरियां थी कुछ हमारी
gurudeenverma198
*बहू- बेटी- तलाक*
*बहू- बेटी- तलाक*
Radhakishan R. Mundhra
कबूतर
कबूतर
Vedha Singh
Loading...