Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2017 · 1 min read

हज़ल

हज़ल।

भूरे लोग करिया लोग।
तपे हुए है सरिया लोग।।

ज्यादा शान दिखाते अक्सर।
दिखने वाले मरिया लोग।।

बीती बातें सिखलाती हैं।
बने ना दिल से दरिया लोग।।

नकल पश्चिची करते रहते।
बन्दर और बन्दरिया लोग।।

लूट जाने के डर से रखते।
देखो बन्द किबरिया लोग।।

पुण्य कमाने तीरथ करते।
सिर धर पाप पुटरिया लोग।।

महलों की हसरत में खुद ही।
बैठे जला टपरिया लोग।।

सरहद पर सभी कुछ उल्टा।
पूजें वहां सुंगरिया लोग।।

जब जब काम पड़े हमसे तो।
बनते गुड़ की परिया लोग।।

अपनों को ही डमहा लगाने।
तपा रहे है झरिया लोग।।

कुर्सी की चाहत में देखो।
कूदें बने मिदरिया लोग।।

हमसे कहते रहो ठीक से।
टेढ़ी पूँछ पुंगरिया लोग।।

डरते पत्नी से खाते हैं।
बेलन और मुंगरिया लोग।।

लाख भलाई करने पर भी।
मारें विजय बुदरिया लोग।।

विजय बेशर्म गाडरवारा
9424750038

414 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रकृति
प्रकृति
Mukesh Kumar Sonkar
क्या सत्य है ?
क्या सत्य है ?
Buddha Prakash
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
लला गृह की ओर चले, आयी सुहानी भोर।
डॉ.सीमा अग्रवाल
लड्डु शादी का खायके, अनिल कैसे खुशी बनाये।
लड्डु शादी का खायके, अनिल कैसे खुशी बनाये।
Anil chobisa
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
वक्त और हालात जब साथ नहीं देते हैं।
Manoj Mahato
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
Pramila sultan
"नेशनल कैरेक्टर"
Dr. Kishan tandon kranti
मां
मां
Irshad Aatif
दीप माटी का
दीप माटी का
Dr. Meenakshi Sharma
जिंदगी भी एक लिखा पत्र हैं
जिंदगी भी एक लिखा पत्र हैं
Neeraj Agarwal
राख के ढेर की गर्मी
राख के ढेर की गर्मी
Atul "Krishn"
माथे की बिंदिया
माथे की बिंदिया
Pankaj Bindas
रूठी बीवी को मनाने चले हो
रूठी बीवी को मनाने चले हो
Prem Farrukhabadi
❤️🌺मेरी मां🌺❤️
❤️🌺मेरी मां🌺❤️
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही / निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान है
गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही / निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*प्रीति के जो हैं धागे, न टूटें कभी (मुक्तक)*
*प्रीति के जो हैं धागे, न टूटें कभी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जीवन जितना
जीवन जितना
Dr fauzia Naseem shad
सुहागन का शव
सुहागन का शव
Anil "Aadarsh"
मन की आंखें
मन की आंखें
Mahender Singh
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
Nilesh Premyogi
धवल चाँदनी में हरित,
धवल चाँदनी में हरित,
sushil sarna
2848.*पूर्णिका*
2848.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ दुनिया की दुनिया जाने।
■ दुनिया की दुनिया जाने।
*Author प्रणय प्रभात*
मुझे किसी को रंग लगाने की जरूरत नहीं
मुझे किसी को रंग लगाने की जरूरत नहीं
Ranjeet kumar patre
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
आख़िरी इश्क़, प्यालों से करने दे साकी-
Shreedhar
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क्रिकेटी हार
क्रिकेटी हार
Sanjay ' शून्य'
जीवन है अलग अलग हालत, रिश्ते, में डालेगा और वही अलग अलग हालत
जीवन है अलग अलग हालत, रिश्ते, में डालेगा और वही अलग अलग हालत
पूर्वार्थ
नारी निन्दा की पात्र नहीं, वह तो नर की निर्मात्री है
नारी निन्दा की पात्र नहीं, वह तो नर की निर्मात्री है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...