हौंसलों से चलना होगा
राह दुश्बार है हौसलों से चलना होगा
हमें इरादे नहीं सोंच को बदलना होगा
सितारों की चमक से अंधेरे नहीं मिटते
अब हमें चाँद बनकर निकलना होगा
राहे मंजिल पर ठोकरें तो लाजिमी हैं
ठोकरों से सबक लेकर सँभलना होगा
बहार अगर लानी है ‘अर्श’ इस चमन में
फूल बनकर हर डाली पे खिलना होगा