होली
होली
◆ होली आई होली आई होली आई रे,
सतरंगी रंग लिए खुशियों की होली आई रे
लगा रंग गुलाल का होली आई रे,
प्यार रंग मे मैं सबको रंग दूँ
खेलु पिया संग दिल से खुशियों की होली रे।
होली आई होली आई होली आई रे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सतरंगी रंग लिए खुशियों की होली आई रे,,,,,,,
◆ देख गली मोहल्लों में
बच्चे डाल रहे भर भर मारे रंग पिचकारी रे।
मातृभूमि और देश रक्षा के खातिर
सरहद पर सैनिक
खेले दुश्मन संग रुधिर की होली रे।।
सतरंगी रंग लिए खुशियों की होली आई रे,,,,,,,,,,,
◆ घूँघट में गौरी पिया की खूब सरमाए रे,
छुप छुप देख पिया को मन ही मन हर्षाये रे
प्यार रंग मे रंग कर सब,
मना रहे है सब होली रे।
होली आई, होली आई,होली आई रे,,,,,,,,,,,,,,
सतरंगी रंग लिए खुशियों की होली आई रे,,,,,,,,,,,,,,
◆ आपस मे बेर भाव भुला गले मिलो मेरे देशवासी रे
ओढ़ो सब नवरंगी प्यार की चुनरियां रे।
बच्चे बूढ़े को रंग लगा स्नेह पाओ रे
प्रेम की सदा जगत में रीत प्रीत निभा ओ रे।
होली आई, होली आई,होली आई रे,,,,,,,,,,,
सतरंगी रंग लिए खुशियों की होली आई रे।,,,,,,,,,,,,
◆ रंग से ज्यादा गहरा संग प्यार माँ बाप का है रे,
वृद्धाआश्रम न भेज सदा सीने से इनको लगा ले रे
साबुन सोडा से भी न उतरे
मातपिता के प्रेम रंग की होली रे।
होली आई,होली आई, होली आई रे।,,,,,,,,,,,,
सतरंगी रंग लिए खुशियों की होली आई रे।,,,,,,,,,,,,,
◆ सोनु कहती जग में सबसे
बात एक ही अच्छी रे।
जोड प्रीत की डोरी सब संग।
मत करो पानी की बर्बादी रे
मनाओ सब सूखे गुलाल से रंगों की होली रे।
होली आई, होली आई, होली आई रे,,,,,,,,,,,,
सतरंगी रंग लिए खुशियों की होली आई रे,,,,,,,,,,,,
गायत्री सोनु जैन मन्दसौर