Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2017 · 1 min read

** होली है भई होली है **

जबसे तूं हमसे ना बोली है
दिल में जली इक होली है
तूं माने या ना माने अब
दिल से अपनी हो ली है
*****
दिल बडा नादां है ये
अपनों से अंजान है ये
******
अरे दिल की लगी दिल्लगी
दिल्लगी बस , नही दिल्लगी
*****
मोल नहीं तोल नहीं अब
दिल का कोई रोल नहीं
***
जिंदगी रंगबिन बेरंग बनी
रंग में रंग गया जो अब
****
रंग ना अब छोडेगा संग
तूं माने ना माने ना अब
***
एक दूजे का चढ़ेगा रंग
जब होगा आपस में संग
***
दिल से अपनी हो ली है
हो ली है हो ली है
******
होली है भई होली है
बुरा ना मानो होली है ।।
***

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 541 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
इस जग में है प्रीत की,
इस जग में है प्रीत की,
sushil sarna
"आदत"
Dr. Kishan tandon kranti
,...ठोस व्यवहारिक नीति
,...ठोस व्यवहारिक नीति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
भारत की देख शक्ति, दुश्मन भी अब घबराते है।
भारत की देख शक्ति, दुश्मन भी अब घबराते है।
Anil chobisa
Jay prakash
Jay prakash
Jay Dewangan
एक सबक इश्क का होना
एक सबक इश्क का होना
AMRESH KUMAR VERMA
सारी जिंदगी कुछ लोगों
सारी जिंदगी कुछ लोगों
shabina. Naaz
किसकी कश्ती किसका किनारा
किसकी कश्ती किसका किनारा
डॉ० रोहित कौशिक
*कभी अच्छाई पाओगे, मिलेगी कुछ बुराई भी 【मुक्तक 】*
*कभी अच्छाई पाओगे, मिलेगी कुछ बुराई भी 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
करके घर की फ़िक्र तब, पंछी भरे उड़ान
करके घर की फ़िक्र तब, पंछी भरे उड़ान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
घड़ी
घड़ी
SHAMA PARVEEN
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
Dheerja Sharma
चुनिंदा अश'आर
चुनिंदा अश'आर
Dr fauzia Naseem shad
लक्ष्य हासिल करना उतना सहज नहीं जितना उसके पूर्ति के लिए अभि
लक्ष्य हासिल करना उतना सहज नहीं जितना उसके पूर्ति के लिए अभि
नव लेखिका
वो आपको हमेशा अंधेरे में रखता है।
वो आपको हमेशा अंधेरे में रखता है।
Rj Anand Prajapati
जिगर धरती का रखना
जिगर धरती का रखना
Kshma Urmila
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
निकला है हर कोई उस सफर-ऐ-जिंदगी पर,
डी. के. निवातिया
रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत!!
रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत!!
पूर्वार्थ
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sundeep Thakur
3122.*पूर्णिका*
3122.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#इंतज़ार_जारी
#इंतज़ार_जारी
*Author प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
Dr. Alpana Suhasini
रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत
रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत
कवि रमेशराज
*
*"आज फिर जरूरत है तेरी"*
Shashi kala vyas
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
satish rathore
बेटियां
बेटियां
Nanki Patre
बड़े होते बच्चे
बड़े होते बच्चे
Manu Vashistha
यह रंगीन मतलबी दुनियां
यह रंगीन मतलबी दुनियां
कार्तिक नितिन शर्मा
कहानी :#सम्मान
कहानी :#सम्मान
Usha Sharma
Loading...