Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2017 · 1 min read

होली उत्सव प्रसंग पर…

तीन कुण्डलिया छंद

(1)
बहे बसंती पवन ले,अपने उर में प्यार.
कोयल गाकर कह रही,सरस करो सत्कार.
सरस करो सत्कार,पर्व यह प्रेम-भाव का.
होवे सच की जीत,शमन होवे दुराव का.
कह सतीश कविराय,खुले अंतर की ग्रंथी.
नफ़रत खाये मात,पवन यूँ बहे बसंती.

(2)
रीति निभाये प्रेम की,होली का त्योहार.
समरसता के रंग में,रमता हर घर-द्वार.
रमता हर घर-द्वार,खुशी आपस में बाँटे.
त्याग घृणा का भाव,दूरियाँ दिल की पाटे.
कह सतीश कविराय,गीत अंतर निज गाये.
होली का त्योहार,प्रेम की रीति निभाये.

(3)
कर्म-रंग में हम रँगें,प्रियवर! आठों याम.
सत्य मान इस वाक्य को,है आराम हराम.
है आराम हराम,चलो सद्कर्म करें हम.
स्वप्न करें साकार,स्वयं के स्वयं हरें ग़म.
कह सतीश कविराय,सीख यह छुपी भंग में.
रँगें सरस दिन-रात,सिर्फ़ हम कर्म-रंग में.
*सतीश तिवारी ‘सरस’,नरसिंहपुर (म.प्र.)

446 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हरित - वसुंधरा।
हरित - वसुंधरा।
Anil Mishra Prahari
पूछ लेना नींद क्यों नहीं आती है
पूछ लेना नींद क्यों नहीं आती है
पूर्वार्थ
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
डी. के. निवातिया
■ मौलिकता का अपना मूल्य है। आयातित में क्या रखा है?
■ मौलिकता का अपना मूल्य है। आयातित में क्या रखा है?
*Author प्रणय प्रभात*
3229.*पूर्णिका*
3229.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मौन की सरहद
मौन की सरहद
Dr. Kishan tandon kranti
🌷 चंद अश'आर 🌷
🌷 चंद अश'आर 🌷
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
धर्मी जब खुल कर नंगे होते हैं।
धर्मी जब खुल कर नंगे होते हैं।
Dr MusafiR BaithA
ये पांच बातें
ये पांच बातें
Yash mehra
गुलामी के कारण
गुलामी के कारण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है ।
आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है ।
Manisha Manjari
गीता में लिखा है...
गीता में लिखा है...
Omparkash Choudhary
"विचित्रे खलु संसारे नास्ति किञ्चिन्निरर्थकम् ।
Mukul Koushik
स्वतंत्र नारी
स्वतंत्र नारी
Manju Singh
नेता पक रहा है
नेता पक रहा है
Sanjay ' शून्य'
बालि हनुमान मलयुद्ध
बालि हनुमान मलयुद्ध
Anil chobisa
मुस्कुराते रहो
मुस्कुराते रहो
Basant Bhagawan Roy
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
झील के ठहरे पानी में,
झील के ठहरे पानी में,
Satish Srijan
World Dance Day
World Dance Day
Tushar Jagawat
चुनाव फिर आने वाला है।
चुनाव फिर आने वाला है।
नेताम आर सी
💐प्रेम कौतुक-287💐
💐प्रेम कौतुक-287💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
वो कत्ल कर दिए,
वो कत्ल कर दिए,
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
नित्य करते जो व्यायाम ,
नित्य करते जो व्यायाम ,
Kumud Srivastava
हृदय वीणा हो गया।
हृदय वीणा हो गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा*
Ravi Prakash
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
कार्तिक नितिन शर्मा
"मनभावन मधुमास"
Ekta chitrangini
Loading...