Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Mar 2017 · 1 min read

होली:भावनाओं के रंग!

हम घर किसे कहते हैं पता है आपको? चार दीवारें ,चिकना फर्श,गेट पर गुर्राता विलायती कुत्ता और भी बहुत कुछ —जी बिलकुल भी नहीं इसे हम मकान कहते हैं —नींद न आयेगी रात भर —लाख कोशिश कर लें।क्योंकि हमने भावनाओं के बरगद को घर समझा है ,महसूस किया है।
टूटी-फूटी झुपड़िया में हम बेफ्रिक सोते हैं ।
हमारे देश में भावनाएँ, उमंग, उत्साह, अल्लहड़ता,आनंद आदि सब कुछ हवा में बहता है ;हम इसे खरीदने बाजार नहीं जाते ।
हम प्रतिदिन आरती, भजन गीत नृत्य के साथ जीवन जीते हैं ।
यही सब कुछ झलकता है हमारे त्योहारों में ।
होली में हमारी उमंग उत्साह और अल्लहड़पन की भावनाएँ प्रस्फुटित हो उठती हैं और हम झूमझूम कर नाचने गाने लगते हैं और रंगों से जीवन में आनंद भर लेते हैं ।

होली है–शुभकामनाएँ के साथ :मुकेश कुमार बड़गैयाँ।

Language: Hindi
Tag: लेख
288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" - "श्मशान वैराग्य"
Atul "Krishn"
दिलों का हाल तु खूब समझता है
दिलों का हाल तु खूब समझता है
नूरफातिमा खातून नूरी
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
यादों के तटबंध ( समीक्षा)
यादों के तटबंध ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
👸कोई हंस रहा, तो कोई रो रहा है💏
👸कोई हंस रहा, तो कोई रो रहा है💏
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
जीवन के बसंत
जीवन के बसंत
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ठहर जा, एक पल ठहर, उठ नहीं अपघात कर।
ठहर जा, एक पल ठहर, उठ नहीं अपघात कर।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खुदकुशी नाहीं, इंकलाब करअ
खुदकुशी नाहीं, इंकलाब करअ
Shekhar Chandra Mitra
शेष कुछ
शेष कुछ
Dr.Priya Soni Khare
गौरैया दिवस
गौरैया दिवस
Surinder blackpen
हर इंसान होशियार और समझदार है
हर इंसान होशियार और समझदार है
पूर्वार्थ
बस चार ही है कंधे
बस चार ही है कंधे
Rituraj shivem verma
#गुस्ताख़ी_माफ़
#गुस्ताख़ी_माफ़
*Author प्रणय प्रभात*
2595.पूर्णिका
2595.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*लोग सारी जिंदगी, बीमारियॉं ढोते रहे (हिंदी गजल)*
*लोग सारी जिंदगी, बीमारियॉं ढोते रहे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जड़ें
जड़ें
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी की खोज
जिंदगी की खोज
CA Amit Kumar
" कू कू "
Dr Meenu Poonia
ये छुटपुट कोहरा छिपा नही सकता आफ़ताब को
ये छुटपुट कोहरा छिपा नही सकता आफ़ताब को
'अशांत' शेखर
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
आर.एस. 'प्रीतम'
अपनी अपनी सोच
अपनी अपनी सोच
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
You come in my life
You come in my life
Sakshi Tripathi
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
Shashi kala vyas
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
खुद से भी सवाल कीजिए
खुद से भी सवाल कीजिए
Mahetaru madhukar
मोक्ष
मोक्ष
Pratibha Pandey
वीर तुम बढ़े चलो...
वीर तुम बढ़े चलो...
आर एस आघात
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
VEDANTA PATEL
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...