Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2017 · 1 min read

होते यहाँ चुनाव के ,ऐसे सुनो प्रचार

भाषण में सब कर रहे, तीखे तीखे वार
होते यहाँ चुनाव के ,ऐसे सुनो प्रचार
ऐसे सुनो प्रचार, बड़े वादें कर कर के
पर जाते जब जीत, न देखें पीछे मुड़ के
देश अर्चना भूल, कहीं मुद्दा आरक्षण
या जाति और धर्म, करें बस इन पर भाषण

डॉ अर्चना गुप्ता

271 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
नानी की कहानी होती,
नानी की कहानी होती,
Satish Srijan
बेरोजगारी।
बेरोजगारी।
Anil Mishra Prahari
खत्म हुआ जो तमाशा
खत्म हुआ जो तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
ज़िंदगी है,
ज़िंदगी है,
पूर्वार्थ
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
Shivkumar Bilagrami
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
VEDANTA PATEL
“दो अपना तुम साथ मुझे”
“दो अपना तुम साथ मुझे”
DrLakshman Jha Parimal
■ सियासी ग़ज़ल
■ सियासी ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
@ खोज @
@ खोज @
Prashant Tiwari
नाक पर दोहे
नाक पर दोहे
Subhash Singhai
लौट आयी स्वीटी
लौट आयी स्वीटी
Kanchan Khanna
वो ऊनी मफलर
वो ऊनी मफलर
Atul "Krishn"
बरखा
बरखा
Dr. Seema Varma
रेत घड़ी / मुसाफ़िर बैठा
रेत घड़ी / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
खंडहर
खंडहर
Tarkeshwari 'sudhi'
समय के साथ ही हम है
समय के साथ ही हम है
Neeraj Agarwal
बगिया
बगिया
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"मकर संक्रान्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
हम कवियों की पूँजी
हम कवियों की पूँजी
आकाश महेशपुरी
प्रकृति की ओर
प्रकृति की ओर
जगदीश लववंशी
प्रभु पावन कर दो मन मेरा , प्रभु पावन तन मेरा
प्रभु पावन कर दो मन मेरा , प्रभु पावन तन मेरा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
लोगबाग जो संग गायेंगे होली में
लोगबाग जो संग गायेंगे होली में
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उसकी एक नजर
उसकी एक नजर
साहिल
स्वांग कुली का
स्वांग कुली का
Er. Sanjay Shrivastava
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शोषण खुलकर हो रहा, ठेकेदार के अधीन।
शोषण खुलकर हो रहा, ठेकेदार के अधीन।
Anil chobisa
*कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/ग
*कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/ग
Ravi Prakash
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
Krishna Manshi
Loading...