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16 Jan 2020 · 1 min read

होते जुदा जो जान से प्यारे कभी कभी

गीत

होते जुदा जो जान से प्यारे कभी कभी।
अश्कों के रात दिन लगें धारे कभी कभी।।

शिकवे शिकायतें हैं मुहब्बत में लाज़मी।
इल्जाम भी सहे थे तुम्हारे कभी कभी।।

अपना है या पराया मैं उलझन में हूं सनम।
लगते हो तुम अभी भी हमारे कभी कभी।।

मौसम सुहाना है गुले गुलशन महक उठे।
चुभते जुदाई में ये नज़ारे कभी कभी।।

चलते हैं साथ साथ मगर हैं जुदा जुदा।
अपनी तरह ही लगते किनारे कभी कभी।।

ओझल हमारी नज़रों से तुम इस तरह हुये।
बदली में छुपते चाँद सितारे कभी कभी।।

खुद पर यकीन है तभी आगे रखो कदम।
कमजोर करते ‘ज्योति’ सहारे कभी कभी।।

श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव साईंखेड़ा

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 4 Comments · 283 Views
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