है सभी तो सफर में…
है सभी तो सफर में इस जिंदगी में जो यहाँ,
फिरते है अक्सर उदास ज़िंदगी मे जो यहाँ।
पलभर भी कभी ये लम्हें पाते खुशी के कहाँ?
खुदको बस आ गए है रास ज़ीन्दगी मे जो यहाँ।
जो कभी मिली इजात गमें -हयात से राह में,
तो वहीँ जी ले कुछ यूँ ख़ास ज़िंदगी में जो यहाँ।
ढूंढते क्यूँ फिरते रहते सब अपने आप को,
कोइ प्यारा ओर भी है पास जिंदगी में जो यहाँ।
राह खुदा की यहाँ सबको न अक्सर मिलती,
सब यहाँ भूले उसे है आसपास जिंदगी में जो यहाँ
-मनीषा जोबन देसाई