Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2017 · 1 min read

है केवल काश्मीर नहीं, सिर मुकुट है भारत का वो…

है केवल काश्मीर नहीं,
सिर मुकुट है भारत का वो…
कोई टुकड़ा पुश्तेनी नहीं,
अविभाज्य अंग है भारत का वो…
पत्थर ईंटो से न पाटों उसको,
धरती का स्वर्ग कहलाता है वो…
वैमनस्य ईर्ष्या में न उसे धकेलो,
भारत से जुड़ प्यार जताता है वो…
अंग पाक का न कहो उसे तुम,
निष्पक्ष भारत में विलय चाहता था वो…
राजनीतिक स्वार्थ उससे न तुम साधो,
सफ़ेद सत्य की चादर ओढ़े रहता है वो…
भटकाये है युवा वहा के,
अलगाववादियों की गिरफ़्त में है वो…
औरो के लड़कों को हथियार बनाके,
खुद की संतानें अमरीका यूरोप भेजते है वो…
काश्मीर की ही पैदाइश होकर,
उसीको घायल करते है वो…
दो झंडे की कोई चाहत न उसको,
हर हृदय तिरंगा चाहता है वो…
है केवल काश्मीर नहीं,
सिर मुकुट है भारत का वो…

✍कुछ पंक्तियाँ मेरी कलम से : अरविन्द दाँगी “विकल”

Language: Hindi
288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नूतन वर्ष
नूतन वर्ष
Madhavi Srivastava
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
Rajesh Kumar Arjun
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
पूर्वार्थ
मुक्तक... छंद मनमोहन
मुक्तक... छंद मनमोहन
डॉ.सीमा अग्रवाल
हे राम हृदय में आ जाओ
हे राम हृदय में आ जाओ
Saraswati Bajpai
नफ़रत की आग
नफ़रत की आग
Shekhar Chandra Mitra
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
RAKESH RAKESH
संघर्ष के बिना
संघर्ष के बिना
gurudeenverma198
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
Mukesh Kumar Sonkar
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
गुप्तरत्न
■ काम की बात
■ काम की बात
*Author प्रणय प्रभात*
आधुनिक भारत के कारीगर
आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ये सिलसिले ऐसे
ये सिलसिले ऐसे
Dr. Kishan tandon kranti
अगर मेरी मोहब्बत का
अगर मेरी मोहब्बत का
श्याम सिंह बिष्ट
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
Paras Nath Jha
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
Ranjeet kumar patre
*याद है  हमको हमारा  जमाना*
*याद है हमको हमारा जमाना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सुख मिलता है अपनेपन से, भरे हुए परिवार में (गीत )
सुख मिलता है अपनेपन से, भरे हुए परिवार में (गीत )
Ravi Prakash
सौंदर्य छटा🙏
सौंदर्य छटा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गिल्ट
गिल्ट
आकांक्षा राय
2262.
2262.
Dr.Khedu Bharti
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
कवि दीपक बवेजा
जब तलक था मैं अमृत, निचोड़ा गया।
जब तलक था मैं अमृत, निचोड़ा गया।
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
महादान
महादान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वक्त कब लगता है
वक्त कब लगता है
Surinder blackpen
*माँ शारदे वन्दना
*माँ शारदे वन्दना
संजय कुमार संजू
वोट डालने जाएंगे
वोट डालने जाएंगे
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
दुनिया एक मेला है
दुनिया एक मेला है
VINOD CHAUHAN
दिल तमन्ना
दिल तमन्ना
Dr fauzia Naseem shad
जब ऐसा लगे कि
जब ऐसा लगे कि
Nanki Patre
Loading...