हैलो जिंदगी
जिंदगी क्या है।
हसी सा सपना है।
आंखें बंद हो तो,……सब अपना है
दामन भरा है।……सितारों से
चांद भी अठखेलियां कर रहा है।
आंख खुले तो …..जीने के लिए
रोज़ मरना।
दौड़ना पड़ता है….रूके तो लोग
पैरों तले रौंद कर बढ़ जाते हैं आगे।
जिंदगी सांसों का चलना नहीं,
जिंदगी खुद को साबित करना हैं
रूकोगे तो भुला दिये जाओगे
बीत गये वक्त की तरह।
जिंदगी जंग है
लड़ने के लिए।
सुरिंदर कौर