Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2019 · 2 min read

“हैरानी”

हसीँ गुलनाज़-ए-मन्ज़र, अभी भी, याद में क्यूँ है,
सिफ़त,अदबो-हुनर उसका,अभी भी ख़्याल मेँ क्यूँ है।

चला जाता हूँ मैं, मानिन्दे-अफ़सूँ, किसकी जानिब अब,
अजब सा ताल्लुक़, सरगोश सी, आवाज़ से क्यूँ है।

सुरुरे-निकहते-लबरेज़, दिलकश सी फ़ज़ाँ है क्यूँ,
सबा का शोख़पन, दोशीज़गी भी गुमान पे क्यूँ है।

मुहब होता हूँ मैं ये, किस फ़रिश्ते-नाज़ पर अब भी,
हसीँ पैकर कोई यूँ, क़ातिले-आमाल पे क्यूँ है।

गज़ब ढाने को अबरो-ख़म, लगी काफ़ी नहीं थीं क्या,
तबस्सुम का निशाना, फिर मेरी ही जान पे क्यूँ है।

मयस्सर हैँ जो मुझको तल्ख़ियाँ,सारे ज़माने की,
लबे-शीरीँ-ए-पिनहा, ज़हर ही फिर,प्यास मेँ क्यूँ है।

हैं आमादा कई साए, मुहीबाँ, सँग चलने को,
उरज-तौफ़ीक़, कोई हमसफ़र सा, साथ में क्यूँ है।

ज़रो-दौलत न है मुझपे, न ही हूँ क़स्र-ए-हासिल,पर,
किसी की नज़र, बस मेरे ज़मीरे-माल पे क्यूँ है।

अज़ाबोँ की है बस्ती, कुछ नक़ाबे-रु-ए-पोशीदा,
किसी की जुस्तजू मेँ, दिल मेरा, अरमान पे क्यूँ है।

बराहे-ज़ीस्त, हरसूँ तीरगी थी, इक बियाबाँ सी,
मिरे आगोशे-आमादा, मनव्वर-शाद ये क्यूँ है।

छुपा रक्खा था होठों से भी,अब तक राज़ जो,दिल ने,
मिरी चाहत का चर्चा, अब ज़ुबाँ-ए-आम पे क्यूँ है।

हुए हैराँ जो,आलम बेख़ुदी का, सर हुआ “आशा”,
अक़ीदा अब भी मुझको, ज़ीनते-नायाब पे क्यूँ है..!

गुलनाज़-ए-मन्ज़र # चमकते फूलों जैसा दृश्य,scene of sparkly flowers
सिफ़त # गुण, qualities
मानिन्दे-अफ़सूँ # जादू की तरह,as if a magic
जानिब # तरफ़, direction
सरगोश # फुसफुसाहट जैसी whispering
सुरुरे-निकहते-लबरेज़ # एक नशीली सुगंध से परिपूर्ण, full of intoxicating fragrance
सबा # प्रातःकाल की हल्की ठँडी, मन्द मन्द बहने वाली बयार, morning breeze
दोशीज़गी # कौमार्य,virginity
शादाब # प्रफुल्लित,cheerful
मुहब # तल्लीन,charmed
फ़रिश्ते-नाज़ # सौंदर्य से गर्वान्वित परी, a beautiful angel,full of pride
पैकर # सँरचना,शरीर,form,body etc.
क़ातिले-आमाल # जान ले लेने को तत्पर, adamant on the act of killing
अबरो-ख़म # (ख़ूबसूरत) कमान जैसी भौँहेँ (beautiful) arches of eyebrows
तबस्सुम # ख़ूबसूरत मुस्कान,a pleasant smile
मयस्सर # उपलब्ध, available
तल्ख़ियाँ # कड़वाहटेँ,bitternesses
लबे-शीरीँ-ए-पिनहा # मृदुल होठों मेँ छुपा, concealed in sweet lips
मुहीबाँ # डरावने,dreadful
उरज-तौफ़ीक़ # उत्साहवर्धन हेतु,to augment the courage
क़स्र-ए-हासिल #महल का मालिक in possession of a palace
ज़मीरे-माल # अन्तरात्मा रूपी सम्पत्ति, the wealth of conscience
अज़ाब # कष्ट, torment
नक़ाबे-रु-ए-पोशीदा # नक़ाब से चेहरा छुपाते लोग, people hiding their face behind veil
बराहे-ज़ीस्त # जीवन-पथ पर,on the path of life
तीरगी # अन्धकार,darkness
बियाबाँ # सुनसान,lonely
आगोशे-आमादा # गोद में बैठने को आतुर,ready to sit in the lap
मनव्वर-शाद # प्रसन्नतादायक प्रकाश,heartwarming light
बेख़ुदी # बेसुध होना,not in senses
अक़ीदा # भरोसा,faith
ज़ीनते-नायाब # अद्वितीय सौंदर्य, unsurpassed beauty

रचयिता-
Dr.Asha Kumar Rastogi
M.D.(Medicine),DTCD
Ex.Senior Consultant Physician,district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist,sri Dwarika hospital,near sbi Muhamdi,dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M.9415559964

14 Likes · 13 Comments · 1230 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
खुदा को ढूँढा दैरो -हरम में
खुदा को ढूँढा दैरो -हरम में
shabina. Naaz
जीवन
जीवन
Neeraj Agarwal
हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ थे डा. तेज सिंह / MUSAFIR BAITHA
हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ थे डा. तेज सिंह / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
आजा रे अपने देश को
आजा रे अपने देश को
gurudeenverma198
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Seema gupta,Alwar
क्या विरासत में हिस्सा मिलता है
क्या विरासत में हिस्सा मिलता है
Dr fauzia Naseem shad
उलझनें हैं तभी तो तंग, विवश और नीची  हैं उड़ाने,
उलझनें हैं तभी तो तंग, विवश और नीची हैं उड़ाने,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
पड़ोसन के वास्ते
पड़ोसन के वास्ते
VINOD CHAUHAN
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
Manisha Manjari
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
Vishal babu (vishu)
देश के खस्ता हाल
देश के खस्ता हाल
Shekhar Chandra Mitra
सफर है! रात आएगी
सफर है! रात आएगी
Saransh Singh 'Priyam'
मित्रता
मित्रता
Mahendra singh kiroula
जिंदगी का सबूत
जिंदगी का सबूत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
■ आज की बात : सरकार और सिस्टम के साथ
■ आज की बात : सरकार और सिस्टम के साथ
*Author प्रणय प्रभात*
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
इच्छाएं.......
इच्छाएं.......
पूर्वार्थ
*नहीं हाथ में भाग्य मनुज के, किंतु कर्म-अधिकार है (गीत)*
*नहीं हाथ में भाग्य मनुज के, किंतु कर्म-अधिकार है (गीत)*
Ravi Prakash
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
!! चहक़ सको तो !!
!! चहक़ सको तो !!
Chunnu Lal Gupta
कोई नही है वास्ता
कोई नही है वास्ता
Surinder blackpen
लोगों के अल्फाज़ ,
लोगों के अल्फाज़ ,
Buddha Prakash
जीतना
जीतना
Shutisha Rajput
कैसी-कैसी हसरत पाले बैठे हैं
कैसी-कैसी हसरत पाले बैठे हैं
विनोद सिल्ला
की तरह
की तरह
Neelam Sharma
ईश्वर है
ईश्वर है
साहिल
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
Dhriti Mishra
स्वागत है नवजात भतीजे
स्वागत है नवजात भतीजे
Pooja srijan
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
Dr Tabassum Jahan
*
*"गणतंत्र दिवस"*
Shashi kala vyas
Loading...