हे भगवान!!
पड़े जब अत्यधिक शीत लहर ,
तो हे भगवान् !
तेज़ गर्मी पड़े तो भी ,
हे भगवान् !
जम के मुसलधार वर्षा हो जाये तो भी,
हे भगवान् !
कहीं भूकंप आये या ज्वाला मुखी फटे तो
हे भगवान् !
कोई दुःख हो ,सुख हो ,ख़ुशी या गम ,हर बार
हे भगवान्!
चाहे कोई भी बात हो तो ,
हे भगवान् !
कभी सोचा है कितना परेशान करते है भगवान् को हम इंसान।
उसे भी तो कोई परेशानी होती होगी ,
कभी किया उसने कोई गिला शिकवा ?
कभी सूना है उसके मुख से,
”हे इंसान !