Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2017 · 1 min read

हृदय पुलकित//मन भाव-विभोर*

*मैं नहीं देखूं
रुप रंग कालो कलूटों
मेरो तो बस महेंद्र अपनो,
सुपणा जैसो हकीकत सै,

मेरे मन नै भा गयो,
हिय पुलकित भयो,
कोण कहे कद मे छोटो सै,
मन भायो जुग भयो
मैंने सुण राखी सै,
.
सबन नदी और नारो,
सामुदर न तरसै सै,
सूरज को धरती तरसे,
मने पढ़ राखी सै,
.
प्रेम प्यार वा विरह रस,
सूक्ष्म तै सूक्ष्म
विराट फैले तै सिख सै,
सामुदर सबन को,
महेंद्र एक मेल-भा मिलावै सै,
.
डॉ महेन्द्र सिंह खालेटिया,
रेवाड़ी(हरियाणा).
एक क्षण मेरा हृदय,
प्रेम विरह रस में डूबकी लगा बैठा,
और शब्द मिले,

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 349 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
मेरे शब्दों में जो खुद को तलाश लेता है।
मेरे शब्दों में जो खुद को तलाश लेता है।
Manoj Mahato
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
Shreedhar
■ कौटिश नमन् : गुरु चरण में...!
■ कौटिश नमन् : गुरु चरण में...!
*Author प्रणय प्रभात*
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
मेरी माँ......
मेरी माँ......
Awadhesh Kumar Singh
चंद अशआर -ग़ज़ल
चंद अशआर -ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
Vishal babu (vishu)
मन मूरख बहुत सतावै
मन मूरख बहुत सतावै
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माँ ( कुंडलिया )*
माँ ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
आसमान को उड़ने चले,
आसमान को उड़ने चले,
Buddha Prakash
पिछले पन्ने 7
पिछले पन्ने 7
Paras Nath Jha
पार्वती
पार्वती
लक्ष्मी सिंह
वेदनामृत
वेदनामृत
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
कान्हा तेरी नगरी, आए पुजारी तेरे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
होता है तेरी सोच का चेहरा भी आईना
होता है तेरी सोच का चेहरा भी आईना
Dr fauzia Naseem shad
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
Shubham Pandey (S P)
डॉक्टर
डॉक्टर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हर मंदिर में दीप जलेगा
हर मंदिर में दीप जलेगा
Ansh
राम तुम्हारे नहीं हैं
राम तुम्हारे नहीं हैं
Harinarayan Tanha
*कृष्ण की दीवानी*
*कृष्ण की दीवानी*
Shashi kala vyas
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
"मन मेँ थोड़ा, गाँव लिए चल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कैसे कह दें?
कैसे कह दें?
Dr. Kishan tandon kranti
पिया घर बरखा
पिया घर बरखा
Kanchan Khanna
वतन के तराने
वतन के तराने
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
अपनों के बीच रहकर
अपनों के बीच रहकर
पूर्वार्थ
पितृ स्तुति
पितृ स्तुति
दुष्यन्त 'बाबा'
इश्क का भी आज़ार होता है।
इश्क का भी आज़ार होता है।
सत्य कुमार प्रेमी
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
कवि दीपक बवेजा
*अहम ब्रह्मास्मि*
*अहम ब्रह्मास्मि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...