Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2017 · 1 min read

हुनर

” हुनर ”
———-

मुझ में भी था
हुनर !
टीलों
पहाड़ों और
वृक्षों पर चढ़ने का |
बहते झरने
बहती नदियों और
बहती हवा की
मंदित-मंदित ध्वनि का
एहसास करने का
हुनर !!
परागों की कसक
फूलों की महक और
मिट्टी की सौंधी खूशबू
को पहचानने का
हुनर !!
गुफाओं में
आवाज की प्रतिध्वनि
सुनने का और
जंगल के वीरानों में
बहारों की खोज का
हुनर !!
हाँ !!!
आज भी है !
मेरे अंतस में
प्रेम ,त्याग,समर्पण और
विश्वास का
हुनर !!
धैर्य ,मेहनत ,कर्म और
मर्म को जानने का
हुनर !!
कर्मठता
लगन, निष्ठा और
सहनशीलता का
हुनर !!
बस ! सहेज रखा है
थाति के रूप में !
हुनर को !
ताकि सिखा सकूँ !
अपनी भावी पीढ़ियों को
हुनर से…….
नव-हुनर को
विकसित करना ||

—————————

डॉ० प्रदीप कुमार दीप

Language: Hindi
512 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमें दुख देकर खुश हुए थे आप
हमें दुख देकर खुश हुए थे आप
ruby kumari
पुच्छल दोहा
पुच्छल दोहा
सतीश तिवारी 'सरस'
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
Phool gufran
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
Dr Archana Gupta
*🌹जिसने दी है जिंदगी उसका*
*🌹जिसने दी है जिंदगी उसका*
Manoj Kushwaha PS
3113.*पूर्णिका*
3113.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अब और ढूंढने की ज़रूरत नहीं मुझे
अब और ढूंढने की ज़रूरत नहीं मुझे
Aadarsh Dubey
इश्क  के बीज बचपन जो बोए सनम।
इश्क के बीज बचपन जो बोए सनम।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
अब महान हो गए
अब महान हो गए
विक्रम कुमार
वृक्षों का रोपण करें, रहे धरा संपन्न।
वृक्षों का रोपण करें, रहे धरा संपन्न।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मौसम कैसा आ गया, चहुँ दिश छाई धूल ।
मौसम कैसा आ गया, चहुँ दिश छाई धूल ।
Arvind trivedi
दोहावली
दोहावली
Prakash Chandra
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
डॉ० रोहित कौशिक
जिस घर में---
जिस घर में---
लक्ष्मी सिंह
समूचे साल में मदमस्त, सबसे मास सावन है (मुक्तक)
समूचे साल में मदमस्त, सबसे मास सावन है (मुक्तक)
Ravi Prakash
कभी न खत्म होने वाला यह समय
कभी न खत्म होने वाला यह समय
प्रेमदास वसु सुरेखा
मत कर ग़ुरूर अपने क़द पर
मत कर ग़ुरूर अपने क़द पर
Trishika S Dhara
" तू "
Dr. Kishan tandon kranti
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
Shweta Soni
"कब तक हम मौन रहेंगे "
DrLakshman Jha Parimal
एक ही तो, निशा बचा है,
एक ही तो, निशा बचा है,
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
राम का आधुनिक वनवास
राम का आधुनिक वनवास
Harinarayan Tanha
हर नदी अपनी राह खुद ब खुद बनाती है ।
हर नदी अपनी राह खुद ब खुद बनाती है ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
पूनम की चांदनी रात हो,पिया मेरे साथ हो
पूनम की चांदनी रात हो,पिया मेरे साथ हो
Ram Krishan Rastogi
धिक्कार
धिक्कार
Shekhar Chandra Mitra
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
Er.Navaneet R Shandily
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...