हिरना मन की मजबूरी (Parody)
हिरना मन की मजबूरी
लेकर एक तृष्णा अधूरी
जंगल-जंगल ढूंढ रहा
वह तो अपनी कस्तूरी।
वैसे तो लांघे उसने अबतक
कितने पर्वत-कितनी नदियां
लेकिन कभी न तय कर पाया
खुद से खुद तक की दूरी..!
हिरना मन की मजबूरी
लेकर एक तृष्णा अधूरी
जंगल-जंगल ढूंढ रहा
वह तो अपनी कस्तूरी।
वैसे तो लांघे उसने अबतक
कितने पर्वत-कितनी नदियां
लेकिन कभी न तय कर पाया
खुद से खुद तक की दूरी..!