मिला कर मुझसे ख़्वाबों में
खिलते हुए
गुलाबों में!
जलते हुए
चिराग़ों में!!
देखा मैंने
ऐ ज़िंदगी
अक़्सर तुझे
हिजाबों में!!
इस दुनिया की
रस्में हमें
मिलने नहीं देंगी
सचमुच में
ऐसे में, ऐ जान
मुझसे तू
मिला कर केवल
ख़्वाबों में…
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)