हिंदोस्तान भी ज़िंदाबाद! पाकिस्तान भी ज़िंदाबाद!
हिंदोस्तान भी जिंदाबाद!
पाकिस्तान भी जिंदाबाद!!
झूठ-मुठ की दुश्मनी में
क्यों करें खुद को बर्बाद?
(१)
चाहे जो समझें-हुक्मरान
मज़हब दे जो भी फरमान
शायरों के-फनकारों के
दिलों से आती एक आवाज।
(२)
नफ़रत वाले नफ़रत करेंगे
मुहब्बत वाले मुहब्बत करेंगे
अब हिलती है तो हिलती रहे
सियासत की इससे बुनियाद।
(३)
उनकी माटी भी लह-लहाए
अपनी धरती भी मुस्कुराए
उनका घर भी हो आबाद
अपना घर भी हो आबाद।
(४)
मजदूरों से-दहकानों से
मुफ्लिस-मजलूम इंसानों से
ज़ुल्मत की इस रात में भी
निकलेगा सुर्ख़ आफताब।
(५)
बिगड़े भाई नेक भी होंगे
एक थे कभी एक भी होंगे
जितनी भी देरी हो लेकिन
आकर रहेगा इंकलाब!
Shekhar Chandra Mitra