Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2017 · 1 min read

हिंदी

हिंदी मेरा हृदय और तन भारत वर्ष पियारा है|
देश-प्रेम की पृष्ठभूमि पर जीना धर्म हमारा है|

गुजराती, पंजाबी, सिंधी ,बुंदेली, श्रंगार अपुन|
राग नशा को त्याग पूर्वी हो हिमगिरी उद्गार-सु धुन|
नहीं किसी से बैर, कूकती कोयल से मन हारा है|
देश-प्रेम की पृष्ठभूमि पर जीना धर्म हमारा है|

जाग विवेकानंद बनो औ हिंद देश का मान करो|
मातृभूमि के सजग सिपाही सदृश राष्ट्र में प्राण भरो |
सदा बने सद्ज्ञान -सु चोटी, मेटा उर- अँधियारा है|
देश- प्रेम की पृष्ठभूमि पर जीना धर्म हमारा है|

द्वंद रहे ना कोई सीखो, रचना प्रेम पुकार रही |
जन-जन की हिय- नायक बनकर हिंदी बहुत उदार रही|
सब मिल बोलो जय भारत माँ, हिंद प्रीति-गुरुद्वारा है|
देश -प्रेम की पृष्ठभूमि पर जीना धर्म हमारा है|
………………………………………………

बृजेश कुमार नायक
28-04-2017

●उक्त रचना को “जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह के द्वितीय संस्करण के अनुसार परिष्कृत कर दिया गया है।
●जागा हिंदुस्तान चाहिए काव्य संग्रह का द्वितीय संस्करण अमेजोन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है।
पं बृजेश कुमार नायक

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 1058 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
"प्लीज़! डोंट डू
*Author प्रणय प्रभात*
उज्जैन घटना
उज्जैन घटना
Rahul Singh
आब आहीं हमर गीत बनल छी ,रचना केँ श्रृंगार बनल छी, मिठगर बोली
आब आहीं हमर गीत बनल छी ,रचना केँ श्रृंगार बनल छी, मिठगर बोली
DrLakshman Jha Parimal
खंड 8
खंड 8
Rambali Mishra
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
sushil sarna
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
जब जब जिंदगी में  अंधेरे आते हैं,
जब जब जिंदगी में अंधेरे आते हैं,
Dr.S.P. Gautam
*दशरथनंदन सीतापति को, सौ-सौ बार प्रणाम है (मुक्तक)*
*दशरथनंदन सीतापति को, सौ-सौ बार प्रणाम है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
हो जाओ तुम किसी और के ये हमें मंजूर नहीं है,
हो जाओ तुम किसी और के ये हमें मंजूर नहीं है,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
Basant Bhagawan Roy
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
Manisha Manjari
मॉडर्न किसान
मॉडर्न किसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यादें....!!!!!
यादें....!!!!!
Jyoti Khari
जनपक्षधरता के कालजयी कवि रमेश रंजक :/-- ईश्वर दयाल गोस्वामी
जनपक्षधरता के कालजयी कवि रमेश रंजक :/-- ईश्वर दयाल गोस्वामी
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Three handfuls of rice
Three handfuls of rice
कार्तिक नितिन शर्मा
मारुति मं बालम जी मनैं
मारुति मं बालम जी मनैं
gurudeenverma198
भारत का सिपाही
भारत का सिपाही
आनन्द मिश्र
3148.*पूर्णिका*
3148.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाहता है जो
चाहता है जो
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
“जगत जननी: नारी”
“जगत जननी: नारी”
Swara Kumari arya
काश हम बच्चे हो जाते
काश हम बच्चे हो जाते
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
संसद बनी पागलखाना
संसद बनी पागलखाना
Shekhar Chandra Mitra
वजीर
वजीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
💐प्रेम कौतुक-383💐
💐प्रेम कौतुक-383💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*हिंदी की बिंदी भी रखती है गजब का दम 💪🏻*
*हिंदी की बिंदी भी रखती है गजब का दम 💪🏻*
Radhakishan R. Mundhra
तुम्हीं तुम हो.......!
तुम्हीं तुम हो.......!
Awadhesh Kumar Singh
*हिम्मत जिंदगी की*
*हिम्मत जिंदगी की*
Naushaba Suriya
अमीर-ग़रीब वर्ग दो,
अमीर-ग़रीब वर्ग दो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
डॉ. दीपक मेवाती
Loading...