Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2021 · 2 min read

हिंदी भाषा और भारतीय फिल्म जगत उर्फ़ बॉलीवुड

हिंदी के बिना फिल्म जगत अधूरा है ,
सच मानो तो हिंदी के बिना इसका ,
परिचय भी अधूरा है ।

पटकथा हो या संवाद अदायेगी ,
अत्यंत भावपूर्ण और रोचकता यही से आई ।
संगीत के सात स्वर में ढले गीत ,गजल ,
भजन और कव्वाली आदि में जान कहां से आई !
निस्संदेह हिंदी का ही है योगदान सारा।

देश की मिट्टी को जिसने पहचाना ,
उसकी संस्कृति और सभ्यता को माना।
इस देश की आत्मा के स्वर को जाना ,
तत्पश्चात हिंदी फिल्म जगत का बनी बाना ।
इनकी लोकप्रियता का बंधा हिंदी के माथे पर सहरा।

भारत वर्ष के गंगा जमुनी तहजीब में ,
हिंदी जबसे उर्दू की सहेली बनी ।
फिल्म जगत में भी यह कौमी एकता ,
भारत वर्ष का प्रमुख और महान संदेश बनी ।
हिंदी के साथ यह उद्देश्य हुआ पूरा।

कितने ही महान गीतकार ,लेखकों ,
गजलकारों ने अपनी लेखनी से इसे संवारा।
उनका उच्च चरित्र , देशप्रेम भी ,
इनकी लेखनी को और उभारा ।
इनके अद्वितीय लेखन कला कौशल से निकली ,
हिंदी की पवित्र अमृत धारा ।

इन गीतों और गजलों में जान फूंकी ,
देश के महान दिग्गज गायकों के समधूर स्वरों ने ।इंसानी जज्बातों के इंद्रधनुषी रंग में ,
शहद सी मिठास घोल दी माता शारदे की अमर संतानों ने ।
सात सुरों की गंगा में डूब गई समस्त वसुंधरा।

मगर अब यह देखकर होता है बड़ा दुख ,
फिल्म जगत ने जबसे किया पश्चिमीकरण का रुख ।
हिंदी फिल्म जगत बॉलीवुड बन गया ,
रोमनलिपि अपनाकर देवनागरी से फेर लिया मुख ।
अंतरात्मा के आईने में जो रूप झलकता था भारतीयता का वो अब धूल से है भरा ।

हिंदी की आभा से जो चमकता था ,
यह फिल्म जगत कोहिनूर बनकर ।
उस चमक को वापस लाना होगा ,
रोमन की जगह देवनागरी को प्रचलन में लाकर ।
हिंदी की पहचान है देवनागरी ,
हिंदी की आत्मा है देवनागरी ,
इसके बिना हिंदी हिंदी नही,है केवल खाना पूर्ति ,
उचित है यही देवनागरी सहित हिंदी ,
प्रयोग में लाई जाए ।
यह सच्चाई जान ले बॉलीवुड उर्फ़ फिल्म जगत सारा।

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 603 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
शिल्पकार
शिल्पकार
Surinder blackpen
वर्षा
वर्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बोझ हसरतों का - मुक्तक
बोझ हसरतों का - मुक्तक
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुछ
कुछ
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कच्ची उम्र के बच्चों तुम इश्क में मत पड़ना
कच्ची उम्र के बच्चों तुम इश्क में मत पड़ना
कवि दीपक बवेजा
लब हिलते ही जान जाते थे, जो हाल-ए-दिल,
लब हिलते ही जान जाते थे, जो हाल-ए-दिल,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
माँ का घर
माँ का घर
Pratibha Pandey
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
-- अजीत हूँ --
-- अजीत हूँ --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
श्री कृष्ण अवतार
श्री कृष्ण अवतार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"गुलाम है आधी आबादी"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Dr.Priya Soni Khare
2379.पूर्णिका
2379.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-428💐
💐प्रेम कौतुक-428💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
Phool gufran
रूप जिसका आयतन है, नेत्र जिसका लोक है
रूप जिसका आयतन है, नेत्र जिसका लोक है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
🌙Chaand Aur Main✨
🌙Chaand Aur Main✨
Srishty Bansal
कुछ कमीने आज फ़ोन करके यह कह रहे चलो शाम को पार्टी करते हैं
कुछ कमीने आज फ़ोन करके यह कह रहे चलो शाम को पार्टी करते हैं
Anand Kumar
निकला वीर पहाड़ चीर💐
निकला वीर पहाड़ चीर💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
टूटे न जब तक
टूटे न जब तक
Dr fauzia Naseem shad
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
स्थितिप्रज्ञ चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
*जीवन में तुकबंदी का महत्व (हास्य व्यंग्य)*
*जीवन में तुकबंदी का महत्व (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
राम का आधुनिक वनवास
राम का आधुनिक वनवास
Harinarayan Tanha
उपहास
उपहास
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जाने कैसे आँख की,
जाने कैसे आँख की,
sushil sarna
खुद से उम्मीद लगाओगे तो खुद को निखार पाओगे
खुद से उम्मीद लगाओगे तो खुद को निखार पाओगे
ruby kumari
गर्मी आई
गर्मी आई
Manu Vashistha
Loading...