Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2017 · 1 min read

हाय लगेगी तुमको प्रियतम

?”रुबाई छंद”?

हाय लगेगी तुमको प्रियतम, मेरे दिल को मत तोड़ो।
रात रात भर जागोगे फिर, अखियाँ मुझसे यदि मोड़ो।
भूख प्यास सब उड़ जायेगी, मारे मारे भटकोगे।
भेष बनेगा पागल जैसा, प्रेम डगर को यदि छोडो।

?अनन्या “श्री”?

Language: Hindi
347 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चार दिन की ज़िंदगी
चार दिन की ज़िंदगी
कार्तिक नितिन शर्मा
आकाश के नीचे
आकाश के नीचे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
अगर प्यार  की राह  पर हम चलेंगे
अगर प्यार की राह पर हम चलेंगे
Dr Archana Gupta
जन्माष्टमी
जन्माष्टमी
लक्ष्मी सिंह
कविता: जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
कविता: जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
Rajesh Kumar Arjun
प्रेम तो हर कोई चाहता है;
प्रेम तो हर कोई चाहता है;
Dr Manju Saini
तुम मेरा हाल
तुम मेरा हाल
Dr fauzia Naseem shad
*दफ्तर में साहब और बाबू (कुछ दोहे)*
*दफ्तर में साहब और बाबू (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
Khahisho ke samandar me , gote lagati meri hasti.
Khahisho ke samandar me , gote lagati meri hasti.
Sakshi Tripathi
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
shabina. Naaz
गाँव से चलकर पैदल आ जाना,
गाँव से चलकर पैदल आ जाना,
Anand Kumar
बेरोजगारी
बेरोजगारी
साहित्य गौरव
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
पूर्वार्थ
■ इस ज़माने में...
■ इस ज़माने में...
*Author प्रणय प्रभात*
भर मुझको भुजपाश में, भुला गई हर राह ।
भर मुझको भुजपाश में, भुला गई हर राह ।
Arvind trivedi
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
Kumar lalit
दिल का भी क्या कसूर है
दिल का भी क्या कसूर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शक्ति साधना सब करें
शक्ति साधना सब करें
surenderpal vaidya
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
* तपन *
* तपन *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पोथी- पुस्तक
पोथी- पुस्तक
Dr Nisha nandini Bhartiya
कल्पना ही हसीन है,
कल्पना ही हसीन है,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐प्रेम कौतुक-269💐
💐प्रेम कौतुक-269💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
usne kuchh is tarah tarif ki meri.....ki mujhe uski tarif pa
usne kuchh is tarah tarif ki meri.....ki mujhe uski tarif pa
Rakesh Singh
पर्यावरण में मचती ये हलचल
पर्यावरण में मचती ये हलचल
Buddha Prakash
मुझे न कुछ कहना है
मुझे न कुछ कहना है
प्रेमदास वसु सुरेखा
2409.पूर्णिका
2409.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सुलगते एहसास
सुलगते एहसास
Surinder blackpen
Loading...