Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2017 · 1 min read

हाँ मै हूँ कलम…मुझको तो हर पल लड़ना होगा…

हाँ मै हूँ कलम…मुझको तो हर पल लड़ना होगा…
न झुकना होगा न दबना होगा,
सच के संग ही चलना होगा…
अवरोध बहुत आएंगे पल पल,
तिल तिल यहाँ सतायेंगे…
पथ न होगा कोई सुपथ,
काँटों पर मुझको चलना होगा…
विपरीत धारा में बहकर भी मुझको,
राह सुपथ सब गढ़ना होगा…
हाँ मै हूँ कलम…मुझको तो हर पल लड़ना होगा…

युग बदलेंगे,जन मन बदलेंगे,
पर देशहित मुझीको चलना होगा…
लांछन होंगे,कुटिल प्रहार भी होंगे,
चाहेंगे पग डगमग मै हो जाऊं…
सब अपने अपने दल का जोर लगायेंगे,
हो जाऊं मै विचलित साथ सभी ये चाहेंगे…
पर कुंठाओ से परे होकर कलम वंश की धारा को,
हर पथ सुपथ ही चलना होगा…
हाँ मै हूँ कलम…मुझको तो हर पल लड़ना होगा…

होंगे पक्षाघात बहुत,हर पथ पर अवरोधक होंगे…
जीवन की इस चौसर में, हर खाने व्यूह बनेंगे…
रोका जायेगा मुझको,
ओर खरीदारी की होड़ लगेगी…
पर “विकल” हृदय व्याकुलता में भी,
बिकना मुझको कभी न होगा…
हाँ मै हूँ कलम…मुझको तो हर पल लड़ना होगा…

स्वतंत्र लेखन की महत्ता,
हर क्षण ही आघात सहेगी…
हर कोई आकर मुझको,
चरित्र मेरा दिखलायेगा…
चार पलो की बातों में,
अधिकार मुझी पर चाहेगा…
पर दिनकर-निराला की वंशज मै,
मुझको न इनसे डरना होगा…
हाँ मै हूँ कलम…मुझको तो हर पल लड़ना होगा…

कुछ पंक्तियाँ मेरी कलम से : अरविन्द दाँगी “विकल”

Language: Hindi
251 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
Kagaj ke chand tukado ko , maine apna alfaj bana liya .
Kagaj ke chand tukado ko , maine apna alfaj bana liya .
Sakshi Tripathi
*हॅंसते बीता बचपन यौवन, वृद्ध-आयु दुखदाई (गीत)*
*हॅंसते बीता बचपन यौवन, वृद्ध-आयु दुखदाई (गीत)*
Ravi Prakash
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
उजाले को वही कीमत करेगा
उजाले को वही कीमत करेगा
पूर्वार्थ
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
डर
डर
Neeraj Agarwal
दुआ के हाथ
दुआ के हाथ
Shekhar Chandra Mitra
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
VEDANTA PATEL
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
अब नहीं पाना तुम्हें
अब नहीं पाना तुम्हें
Saraswati Bajpai
जीवन की धूल ..
जीवन की धूल ..
Shubham Pandey (S P)
तेरे संग मैंने
तेरे संग मैंने
लक्ष्मी सिंह
"वक़्त के साथ सब बदलते हैं।
*Author प्रणय प्रभात*
कन्यादान
कन्यादान
Mukesh Kumar Sonkar
कहते हैं संसार में ,
कहते हैं संसार में ,
sushil sarna
क्या कहें
क्या कहें
Dr fauzia Naseem shad
सुप्रभातं
सुप्रभातं
Dr Archana Gupta
शायरी
शायरी
goutam shaw
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
gurudeenverma198
जब जब मुझको हिचकी आने लगती है।
जब जब मुझको हिचकी आने लगती है।
सत्य कुमार प्रेमी
वीर गाथा है वीरों की ✍️
वीर गाथा है वीरों की ✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ज़िन्दगी का रंग उतरे
ज़िन्दगी का रंग उतरे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिंदगी हवाई जहाज
जिंदगी हवाई जहाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सफर या रास्ता
सफर या रास्ता
Manju Singh
Pain changes people
Pain changes people
Vandana maurya
23/16.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/16.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-180💐
💐प्रेम कौतुक-180💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
Mahendra Narayan
मेरी कहानी मेरी जुबानी
मेरी कहानी मेरी जुबानी
Vandna Thakur
Loading...