Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2017 · 1 min read

हस्ताक्षर सरकारी और गैर-सरकारी*

*अपने हस्ताक्षर कर करके देखता हु
मिल न सका इनको स्थान,
सरकारी खजाने की हिस्सेदारी में,

कर करके देखता हु कोई मना न कर दें इनको,
तुम्हारे नहीं है भाई,अपनी कष्ट और नेक कमाई में,

सरकार तू कागज है,
हम अपनी हकीकत है,
देना होता है अपना श्रेष्ठ,
तब जाकर दो टूक रोटी मिलती है,

कागज़ भी है हकीकत भी है,
सरकारी से भी,गैर-पंजीकृत से भी लड़ते है,
इमान से कभी नहीं गिरते है,
लेते नहीं कभी घूस,
चाहे न रहे छप्पर पर फूँस,

निजी व्यापार हर कर से प्रभावित है,
एक लघु-उद्योग कहने को लघु है,
हर महकमे का भरते है,
बदले में फिर भी काम नहीं,
कब आना है तिथि वो निर्धारित करते है,

डॉ महेन्द्र सिंह खालेटिया,
रेवाड़ी(हरियाणा).

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 1 Comment · 405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माया मोह के दलदल से
माया मोह के दलदल से
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सीख का बीज
सीख का बीज
Sangeeta Beniwal
साँवरिया तुम कब आओगे
साँवरिया तुम कब आओगे
Kavita Chouhan
तेरी आवाज़ क्यूं नम हो गई
तेरी आवाज़ क्यूं नम हो गई
Surinder blackpen
पिता मेंरे प्राण
पिता मेंरे प्राण
Arti Bhadauria
एक अकेला
एक अकेला
Punam Pande
गाडगे पुण्यतिथि
गाडगे पुण्यतिथि
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
ज़िंदगी तज्रुबा वो देती है
ज़िंदगी तज्रुबा वो देती है
Dr fauzia Naseem shad
राम के जैसा पावन हो, वो नाम एक भी नहीं सुना।
राम के जैसा पावन हो, वो नाम एक भी नहीं सुना।
सत्य कुमार प्रेमी
Safar : Classmates to Soulmates
Safar : Classmates to Soulmates
Prathmesh Yelne
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
जितनी मेहनत
जितनी मेहनत
Shweta Soni
हमारी सोच
हमारी सोच
Neeraj Agarwal
(10) मैं महासागर हूँ !
(10) मैं महासागर हूँ !
Kishore Nigam
मशीन कलाकार
मशीन कलाकार
Harish Chandra Pande
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
😊 लघु कथा :--
😊 लघु कथा :--
*Author प्रणय प्रभात*
तेरे गम का सफर
तेरे गम का सफर
Rajeev Dutta
2568.पूर्णिका
2568.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दिल में गीत बजता है होंठ गुनगुनाते है
दिल में गीत बजता है होंठ गुनगुनाते है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
*सरस रामकथा*
*सरस रामकथा*
Ravi Prakash
🌺प्रेम कौतुक-206🌺
🌺प्रेम कौतुक-206🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हुनर है मुझमें
हुनर है मुझमें
Satish Srijan
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
जौदत
जौदत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मनुष्यता बनाम क्रोध
मनुष्यता बनाम क्रोध
Dr MusafiR BaithA
World Books Day
World Books Day
Tushar Jagawat
Loading...