Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2021 · 2 min read

हर परिस्थिति में अपने साथ खुश रहना सीखे , खुश रहने का पहला सूत्र यही है – आनंदश्री

हर परिस्थिति में अपने साथ खुश रहना सीखे , खुश रहने का पहला सूत्र यही है – आनंदश्री

– तुलना करना छोड़िये और इसी समय आप जैसे भी स्वयं को स्वीकार कीजिये

आज जिस परिस्थिति में हम जी रहे है वंहा ख़ुशी का पाना महत्त्व है , ख़ुशी ही महत्त्व है लेकिन उस कस्तूरी हिरन की तरह हम खुशियों की तलाश में है। आप इस बात से खुश हो सकते हैं कि आप अभी किसके साथ हैं और खुद को जैसा है वैसा स्वीकार करते हैं। हम में से बहुत से लोग इसे स्वीकार नहीं करते हैं, लेकिन कई सामाजिक, शारीरिक और भावनात्मक समस्याओं का मूल कारण केवल यह तथ्य है कि लोग खुद को स्वीकार नहीं करते और न ही पसंद करते हैं। वे कैसे दिखते हैं, कैसे बात करते हैं, या कैसे कार्य करते हैं, इसके बारे में वे असहज हैं। वे अपने व्यक्तित्व की तरह नहीं हैं। वे हमेशा अन्य लोगों के साथ खुद की तुलना कर रहे हैं, वे काश के आकाश में ही भ्रमण करते है। वे अगर, मगर और काश ऐसा होता में ही व्यस्त रहते है। जैसे भी हो खुद को स्वीकार करो।

आप इस बात से खुश रहो क़ि आपके रचयिता आपका ईश्वर है। आप कुछ अलग हैं। यदि ईश्वर चाहता था कि आप एक फैशन मॉडल, एक फिल्म स्टार, एक प्रसिद्ध एथलीट या किसी और की तरह दिखें, तो उसने आपको उनके बारे में बताया जाएगा, उसके चिह्न और प्रतिक आपके सामने आ जाएंगे । यदि ईश्वर चाहता था कि आप एक अलग व्यक्तित्व दिखे ,उसने तुम्हें वह व्यक्तित्व दिया होगा इसलिए आप अलग हो। दूसरे लोगों से अपनी तुलना न करें; जो हाल है उसी में खुश रहते हुए आगे बढ़ाना सीखो।

बहुत से लोग इस बारे में असुरक्षित हैं कि वे कौन हैं, इसलिए वे लगातार अपने चारों ओर हर किसी की स्वीकृति प्राप्त करने की कोशिश करते हैं ताकि वे अपने बारे में बेहतर महसूस कर सकें। वे दूसरे लोगों को खुश करने के लिए जीवित रहते हैं, अपने सांचों में फिट होने की कोशिश करते हैं ताकि उन्हें स्वीकार किया जा सके। वे अपने बॉस, अपने पति या पत्नी , और अपने दोस्तों के लिए काम करते हैं। वे ढोंग का जीवन जीते हैं, विभिन्न मुखौटे पहनते हैं, और हर किसी को खुश करने की उम्मीद करते हैं। दुःख होने का यही कारण है क़ि भाव विचार वाणी और क्रिया सब के सब अगल है।
अगर आप अपने जीवन का पूरा आनंद लेने जा रहे हैं, तो आपको आश्वस्त होना सीखना चाहिए क्योंकि आपको व्यक्तिगत ईश्वर ने आपको बनाया है। इसे समझें: आप किसी और की नकल करने के लिए नहीं बने थे। तुम बनने के लिए पैदा हुए थे। आप मास्टरपीस हो , आप अकेले एक ही हो।
आज का दिन आपके जीवन का सबसे महत्त्व पूर्ण दिवस बने यही विश्वास के साथ आज की शुरुवात करे।

प्रो डॉ दिनेश गुप्ता – आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइंडसेट गुरु
मुंबई

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 1044 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
“मत लड़, ऐ मुसाफिर”
“मत लड़, ऐ मुसाफिर”
पंकज कुमार कर्ण
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
Hum mom ki kathputali to na the.
Hum mom ki kathputali to na the.
Sakshi Tripathi
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
कहाॅ॑ है नूर
कहाॅ॑ है नूर
VINOD CHAUHAN
रोज मरते हैं
रोज मरते हैं
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
लट्टू हैं अंग्रेज पर, भाती गोरी मेम (कुंडलिया)
लट्टू हैं अंग्रेज पर, भाती गोरी मेम (कुंडलिया)
Ravi Prakash
हे मृत्यु तैयार यदि तू आने को प्रसन्न मुख आ द्वार खुला है,
हे मृत्यु तैयार यदि तू आने को प्रसन्न मुख आ द्वार खुला है,
Vishal babu (vishu)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
Kanchan Khanna
रमणीय प्रेयसी
रमणीय प्रेयसी
Pratibha Pandey
मोतियाबिंद
मोतियाबिंद
Surinder blackpen
"नवरात्रि पर्व"
Pushpraj Anant
ज्ञान का अर्थ
ज्ञान का अर्थ
ओंकार मिश्र
3018.*पूर्णिका*
3018.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
International Hindi Day
International Hindi Day
Tushar Jagawat
अहसास
अहसास
Sandeep Pande
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
Suryakant Dwivedi
बुद्ध भगवन्
बुद्ध भगवन्
Buddha Prakash
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
आर.एस. 'प्रीतम'
"मछली और भालू"
Dr. Kishan tandon kranti
उम्र ए हासिल
उम्र ए हासिल
Dr fauzia Naseem shad
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
बीत गया प्यारा दिवस,करिए अब आराम।
बीत गया प्यारा दिवस,करिए अब आराम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव
मोहतरमा कुबूल है..... कुबूल है /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
*मन का मीत छले*
*मन का मीत छले*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अब तो आओ न
अब तो आओ न
Arti Bhadauria
जीवन संग्राम के पल
जीवन संग्राम के पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हर चाह..एक आह बनी
हर चाह..एक आह बनी
Priya princess panwar
कितना आसान होता है किसी रिश्ते को बनाना
कितना आसान होता है किसी रिश्ते को बनाना
पूर्वार्थ
गंणपति
गंणपति
Anil chobisa
Loading...