Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Mar 2017 · 1 min read

हर जगह समान हूँ

मैं
विद्या , धन , शक्ति हूँ ,
विवेक से सोचो ,
मैं ” महिला ” हूँ ,
हर जगह समान हूँ
बस मेरे प्रति नजरिया बदलो
पुराने दकियानूसी सोच बदलो
हर कली को खिलने दो
प्रकृति के उपहार को ना मसलने दो
प्यार का समर्पण , सेवा , करुणा , दया आप में
सिर्फ एक दिन का नाता ना दो
हर पल , हर क्षण आप का होने दो
तभी सार्थक ” महिला दिवस ” हो
अनंत शुभकामनाये सभी महिला को हो
— राजू गजभिये —

Language: Hindi
238 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जीवन तुम्हें जहां ले जाए तुम निर्भय होकर जाओ
जीवन तुम्हें जहां ले जाए तुम निर्भय होकर जाओ
Ms.Ankit Halke jha
झूठा घमंड
झूठा घमंड
Shekhar Chandra Mitra
हम
हम "फलाने" को
*Author प्रणय प्रभात*
सवाल~
सवाल~
दिनेश एल० "जैहिंद"
जिन्दगी मे एक बेहतरीन व्यक्ति होने के लिए आप मे धैर्य की आवश
जिन्दगी मे एक बेहतरीन व्यक्ति होने के लिए आप मे धैर्य की आवश
पूर्वार्थ
Pollution & Mental Health
Pollution & Mental Health
Tushar Jagawat
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
gurudeenverma198
कई युगों के बाद - दीपक नीलपदम्
कई युगों के बाद - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
23/02.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/02.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
रास्ते फूँक -फूँककर चलता  है
रास्ते फूँक -फूँककर चलता है
Anil Mishra Prahari
बातें करते प्यार की,
बातें करते प्यार की,
sushil sarna
मजहब
मजहब
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दाम रिश्तों के
दाम रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आज की शाम।
आज की शाम।
Dr. Jitendra Kumar
अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
कवि रमेशराज
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
कवि दीपक बवेजा
*हुआ जब साठ का नेता (मुक्तक)*
*हुआ जब साठ का नेता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
!! कुद़रत का संसार !!
!! कुद़रत का संसार !!
Chunnu Lal Gupta
बुद्ध धम्म में चलें
बुद्ध धम्म में चलें
Buddha Prakash
इंसान ऐसा ही होता है
इंसान ऐसा ही होता है
Mamta Singh Devaa
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
कृष्णकांत गुर्जर
गिलहरी
गिलहरी
Satish Srijan
शुभ धाम हूॅं।
शुभ धाम हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
पापा की गुड़िया
पापा की गुड़िया
Dr Parveen Thakur
"संयोग-वियोग"
Dr. Kishan tandon kranti
"झूठी है मुस्कान"
Pushpraj Anant
रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द)
रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
जय लगन कुमार हैप्पी
Loading...