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25 Jul 2020 · 1 min read

हर ख्वाहिश यहां अधूरी है

लगी हुई है होड़ जगत में
अंधी दौड़ मजबूरी है
जायदाद वैभव पद पैसा
जीवन को नहीं जरूरी है
जीवन को आनंद से जीने
सुख संतोष जरूरी है
बिना शांति के जीवन में
हर ख्वाहिश यहां अधूरी है

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
12 Likes · 6 Comments · 257 Views
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