Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2017 · 1 min read

हरिया

हरिया आज ही कमाये बदे गांव से दिल्ली आवा है।स्टेशन से उतर कर वह सीधा अपने गांव के एक मित्र रामधनी के घर पहुचता है। खाना पीना करने के उपरांत वह दिल्ली घुमने अकेले निकल पड़ता है, कुछ दूर चलने के बाद उसे एक पुलिस चौकी दिखता है, जहाँ बड़े- बड़े एवं साफ अक्षरों में लिखा होता है”दिल्ली पुलिस आपकी सेवा में सदैव तत्पर” क्या हम आपकी सहायता कर सकतेहै?
पढते ही हरिया की बाछें खिल उठती हैं।चौकी पे जाता है और चौकी इंचार्ज से कहता है।……
ये भईया पीयर कमीज…… तु सेवा करे को कहत हौ अउर सहायता भी देत हौ तबो कवनो मिला आत ना है पर परेशान जीन होय।
हम आ गवा हैं हमें पहिले तो जल पीलाय देव अऊर ओकरे बाद दिल्ली घुमाय देव।…
इतना सुनना था कि चौकी इंचार्ज ने वो सेव कीहीस की का बतावें:-उनका पुरा तसरीफ सुजाय दिहीस।तो बोलो बनारसी भैया की
… पं.संजीव शुक्ल “सचिन”

Language: Hindi
581 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
2818. *पूर्णिका*
2818. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*बिरहा की रात*
*बिरहा की रात*
Pushpraj Anant
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
राहुल रायकवार जज़्बाती
इसरो के हर दक्ष का,
इसरो के हर दक्ष का,
Rashmi Sanjay
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
Sanjay ' शून्य'
💐प्रेम कौतुक-266💐
💐प्रेम कौतुक-266💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सर्द मौसम में तेरी गुनगुनी याद
सर्द मौसम में तेरी गुनगुनी याद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
इतना रोई कलम
इतना रोई कलम
Dhirendra Singh
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
Rj Anand Prajapati
■ एक मुक्तक...
■ एक मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
Second Chance
Second Chance
Pooja Singh
यहाँ तो सब के सब
यहाँ तो सब के सब
DrLakshman Jha Parimal
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हम हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान है
हम हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान है
Pratibha Pandey
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
पूर्वार्थ
भारत ने रचा इतिहास।
भारत ने रचा इतिहास।
Anil Mishra Prahari
गंगा
गंगा
ओंकार मिश्र
अज्ञानता निर्धनता का मूल
अज्ञानता निर्धनता का मूल
लक्ष्मी सिंह
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*रामपुर रजा लाइब्रेरी में सुरेंद्र मोहन मिश्र पुरातात्विक संग्रह : एक अवलोकन*
*रामपुर रजा लाइब्रेरी में सुरेंद्र मोहन मिश्र पुरातात्विक संग्रह : एक अवलोकन*
Ravi Prakash
ईश्वर से यही अरज
ईश्वर से यही अरज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पवित्र मन
पवित्र मन
RAKESH RAKESH
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
माँ वो है जिसे
माँ वो है जिसे
shabina. Naaz
शब्द
शब्द
Madhavi Srivastava
हर एक चेहरा निहारता
हर एक चेहरा निहारता
goutam shaw
Loading...