Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2017 · 1 min read

हरियाली

चाँद तारे और गगन,
फूल खुशबू और पवन,
गा रहे मिलकर गीत,
कितनी सुहावनी यह प्रीत,
कर रहे भौरें गुंजन,
झूम उठा आज निर्जन,
देखो नाच रहा मयूर,
रंग बिरंगे पंख रहा बिखेर,
कितनी सुंदर हैं कोयल,
सुन सुर हो रहे कायल,
ऊंचे ऊंचे झरनों से गिरता जल,
कितना मनोहर सुना रहा कल कल,
फैली हरियाली लगे सुंदर धरा,
जहाँ देखो वहाँ हरा ही हरा,
।।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
690 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
अपनी कमी छुपाए कै,रहे पराया देख
अपनी कमी छुपाए कै,रहे पराया देख
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शायरी की तलब
शायरी की तलब
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
gurudeenverma198
"दोस्त-दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
लफ्जों के तीर बड़े तीखे होते हैं जनाब
लफ्जों के तीर बड़े तीखे होते हैं जनाब
Shubham Pandey (S P)
सच सच कहना
सच सच कहना
Surinder blackpen
"आकुलता"- गीत
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तेरी शोहरत को
तेरी शोहरत को
Dr fauzia Naseem shad
सब सूना सा हो जाता है
सब सूना सा हो जाता है
Satish Srijan
आँखें बतलातीं सदा ,मन की सच्ची बात ( कुंडलिया )
आँखें बतलातीं सदा ,मन की सच्ची बात ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
फ़ितरत का रहस्य
फ़ितरत का रहस्य
Buddha Prakash
प्रिंसिपल सर
प्रिंसिपल सर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जो जिस चीज़ को तरसा है,
जो जिस चीज़ को तरसा है,
Pramila sultan
लाश लिए फिरता हूं
लाश लिए फिरता हूं
Ravi Ghayal
प्रीति के दोहे, भाग-3
प्रीति के दोहे, भाग-3
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मंजर जो भी देखा था कभी सपनों में हमने
मंजर जो भी देखा था कभी सपनों में हमने
कवि दीपक बवेजा
💐प्रेम कौतुक-271💐
💐प्रेम कौतुक-271💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शिव बन शिव को पूजिए, रखिए मन-संतोष।
शिव बन शिव को पूजिए, रखिए मन-संतोष।
डॉ.सीमा अग्रवाल
* सत्य,
* सत्य,"मीठा या कड़वा" *
मनोज कर्ण
"युद्ध की घड़ी निकट है"
Avinash Tripathi
11-कैसे - कैसे लोग
11-कैसे - कैसे लोग
Ajay Kumar Vimal
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
Rang hi khuch aisa hai hmare ishk ka , ki unhe fika lgta hai
Rang hi khuch aisa hai hmare ishk ka , ki unhe fika lgta hai
Sakshi Tripathi
रात में कर देते हैं वे भी अंधेरा
रात में कर देते हैं वे भी अंधेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वक़्त बदल रहा है, कायनात में आती जाती हसीनाएँ बदल रही हैं पर
वक़्त बदल रहा है, कायनात में आती जाती हसीनाएँ बदल रही हैं पर
नव लेखिका
23/200. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/200. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम मेरी जिन्दगी बन गए हो।
तुम मेरी जिन्दगी बन गए हो।
Taj Mohammad
😢😢
😢😢
*Author प्रणय प्रभात*
अगले बरस जल्दी आना
अगले बरस जल्दी आना
Kavita Chouhan
Loading...