हरियाला सावन
हरा भरा हरियाला सावन
मन भाये मतवारा साजन
प्यासी प्रीत धरा की जागी
उर को वुझावे आ नीलगगन
महक उठी अब डाली डाली
गाए मल्हार कोयलिया कारी
पड़ गए झूले अमुवा की डाली
संग झुलावे आके प्रिय साजन
वहे पुरवैया अगन लगावे
विरह जिया में हूंक उठावे
बुँदे भीग आँचल सुलगावे
अंग लगा अब आके साजन
सखी सहेली पिय संग डोले
गीत मिलन के गुन गुन बोलें
झुलस रही मेरी तन मन ज्वाला
शांत करो पिय ले आलिंगन
हरा भरा………..
मन भाये मतवारा साजन