6 रागनी किस्सा:- भोला भंडारी – मां पार्वती
एक समय की बात है मां पार्वती की बाबा भाळे भण्डारी से रहण सहण को लेकर नोक जोक हो जाती है तो मां पार्वती क्या कहती है बाबा भोळे भंडारी से,,,
कदे बोलै नही बतलावै भोले हरदम चड़ा रहै सै,
फिकर नहीं क्याहें की तू पी भाँग पड़ा रहै सै..!!टेक!!
पहलम तै मन्यै सोची ना थी न्यू पड़ ज्यागा तंग होणा,
यो सहा दर्द नहीं जाता होग्या रोज रोज का रोणा,
तन्यै नही सीखा न्हाणा धोणा, हरदम सड़ा रहै सै..!!१!!
एक सुनै ना मेरी, रहे जा सै हांगे के बळ मै,
क्याहें की ना आड फिरे जां हाथी शेर दल मैं,
सौ सौ साप पड़ै रहै गळ मै, तेरै एक नै एक लड़ा रहै सै..!!२!!
क्यूकर हो गुजारा जब यो पेट रहै खाली,
साची कहदी बात बेसक मानिये काळी,
मै पीहर अपने चाळी, तू तै बोझड़ा मै बड़ा रहै सै..!!३!!
देख मनजीत पहासौरिया नै, छन्द रौज धरै सै,
गावण आळे गा गा कै, नोटां की गौज भरै सै,
सारी दुनिया मौज करै सै, तू तै पहाड़ा पै खड़ा रहै सै..!!४!!
रचनाकार:- पं० मनजीत पहासौरिया
फोन नं०:- 9467354911
ईमेल:- pt.manjeetpahasouriya@gmail.com
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