Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2016 · 1 min read

हरिगीतिका छंद:

ॐ श्री विश्वकर्मणे नमः
स्तुति…
ऋषि धर्मवंशी भृगु सुधन्वा अंगिरा कुल शोभितं|
हरिचक्र पुष्पक शिवत्रिशूलं आयुधं अभिकल्पितं|
शुचि स्वर्ग लंका द्वारिका पुरइन्द्रप्रस्थं निर्मितं,
विधु विश्वकर्मा, विधिविराटं पञ्चमुख प्रभुपूजितं||

(भावार्थ: समय-समय पर अपने विभिन्न अवतारों में विश्वकर्मा पद पर प्रतिष्ठित रहे ऋषि धर्मवंशी, भृगु, सुधन्वा, अंगिरा, के कुल को सुशोभित करने वाले व भगवान् विष्णु का सुदर्शन चक्र, पुष्पक विमान, भगवान् शिव का त्रिशूल जैसे प्रमुख हथियारों के डिजाइन व निर्माण करने वाले तथा पवित्र स्वर्ग, स्वर्णनिर्मित लंका व इन्द्रप्रस्थ जैसे वृहद् महानगरों की महायोजनाओं के प्रणेता भगवान् विश्वकर्मा के विधिप्रदत्त पंचमुखी विराट शाश्वत प्रभुरूप का हम इस सम्पूर्ण हृदय से पूजन, वंदन अर्चन करते हैं |)

मित्रों! आज विश्वकर्मा जयन्ती है | आज के दिन प्रत्येक अभियंता, वास्तुविद, शिल्पी, व तकनीकी कार्य करने वाला श्रमिक भगवान् विश्वकर्मा का पूजन अवश्य करता है | यह भी परम संयोग ही है कि आज के ही दिन हमारे भारतवर्ष के प्रधान मंत्री माननीय नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी का जन्म दिवस भी है | अतः इस पावन अवसर पर आप सब के प्रति हार्दिक बधाई ! भगवान् विश्वकर्मा से हमारी प्रार्थना है कि वे मोदीजी के साथ-साथ हम सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें जिससे हम सब मानवता के हित में सार्थक सृजन में रत रहें! ॐ

प्रार्थना…
शुचि काव्य रस गंगा प्रवाहित भावना हैं धार हैं.
सुर-ताल लय लालित्य निर्मल नादमय संसार हैं.
नतशीश ‘अम्बर’ श्रीचरण में, सामने साकार हैं,
प्रभु आप ही अपने सृजन के प्राण हैं आधार हैं..

छंद रचनाकार:
–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 744 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कलयुग मे घमंड
कलयुग मे घमंड
Anil chobisa
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
मारुति मं बालम जी मनैं
मारुति मं बालम जी मनैं
gurudeenverma198
2500.पूर्णिका
2500.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आसमां में चांद अकेला है सितारों के बीच
आसमां में चांद अकेला है सितारों के बीच
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
* विदा हुआ है फागुन *
* विदा हुआ है फागुन *
surenderpal vaidya
भ्रम अच्छा है
भ्रम अच्छा है
Vandna Thakur
इंसानियत
इंसानियत
Neeraj Agarwal
जीवन
जीवन
sushil sarna
अहिल्या
अहिल्या
अनूप अम्बर
" मैं सिंह की दहाड़ हूँ। "
Saransh Singh 'Priyam'
Sometimes goals are not houses, cars, and getting the bag! S
Sometimes goals are not houses, cars, and getting the bag! S
पूर्वार्थ
*अहंकार*
*अहंकार*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
💐प्रेम कौतुक-530💐
💐प्रेम कौतुक-530💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
Jyoti Khari
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
Bundeli Doha pratiyogita-149th -kujane
Bundeli Doha pratiyogita-149th -kujane
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हे मन
हे मन
goutam shaw
सम्मान से सम्मान
सम्मान से सम्मान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"जुबांँ की बातें "
Yogendra Chaturwedi
मतदान
मतदान
Kanchan Khanna
"सफ़र"
Dr. Kishan tandon kranti
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
सोई गहरी नींदों में
सोई गहरी नींदों में
Anju ( Ojhal )
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रेमचन्द के पात्र अब,
प्रेमचन्द के पात्र अब,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...