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30 Dec 2016 · 1 min read

हम

हमारे जैसा ही होना चाहकर भी, जब हो नही पाते हैं ।
हमारे काम करने के अन्दाज़ से वो लोग जल जाते हैं !
हम तो हमेशा उन ही को गले लगाने की कोशिश करते हैं,
जो हमें परवाना बना कर,खुद शमां बन हमें जलाना चाहते हैं ।

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