Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2021 · 1 min read

हम हैं भारतवासी

विधा – गीत
मात्राभार – 16+12 = 28

सीधे सच्चे दिल के अच्छे, हम हैं भारतवासी।
रग-रग में है गंगा यमुना, घर-घर में है काशी।

इक दूजे के सुख-दुख में सब, साथ साथ रहते हैं।
दर्द खुशी जो भी आती है, हँसकर सब सहते हैं।
एक पंक्ति में भोजन करते, मुल्ला अरु संन्यासी।
रग-रग में है गंगा यमुना, घर-घर में है काशी।

जाति धर्म सब भिन्न-भिन्न है, भिन्न-भिन्न है बोली।
साथ मनाते हैं सब मिलकर, ईद, दशहरा, होली।
उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम, बंगाली मद्रासी।
रग-रग में है गंगा यमुना, घर-घर में है काशी।

अब्दुल या आजाद, भगत हों, देशभक्त कहलाते।
मातृभूमि की रखवाली में, जो भी शीश चढ़ाते।
जहाँ देशहित वीर बांकुरे, गले लगाते फांसी।
रग-रग में है गंगा यमुना, घर-घर में है काशी।

(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य
तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)
☎️7379598464

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ अटल सौभाग्य के पर्व पर
■ अटल सौभाग्य के पर्व पर
*Author प्रणय प्रभात*
दूब घास गणपति
दूब घास गणपति
Neelam Sharma
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
Atul "Krishn"
डोला कड़वा -
डोला कड़वा -
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वक्त
वक्त
Madhavi Srivastava
💐प्रेम कौतुक-542💐
💐प्रेम कौतुक-542💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्यार भरा इतवार
प्यार भरा इतवार
Manju Singh
दाम रिश्तों के
दाम रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
मजदूर
मजदूर
Harish Chandra Pande
*वेद उपनिषद रामायण,गीता में काव्य समाया है (हिंदी गजल/ गीतिक
*वेद उपनिषद रामायण,गीता में काव्य समाया है (हिंदी गजल/ गीतिक
Ravi Prakash
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
DrLakshman Jha Parimal
ख्याल
ख्याल
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
खिलेंगे फूल राहों में
खिलेंगे फूल राहों में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कहीं दूर चले आए हैं घर से
कहीं दूर चले आए हैं घर से
पूर्वार्थ
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
यदि कोई सास हो ललिता पवार जैसी,
ओनिका सेतिया 'अनु '
स्वतंत्रता दिवस
स्वतंत्रता दिवस
Dr Archana Gupta
एक पल सुकुन की गहराई
एक पल सुकुन की गहराई
Pratibha Pandey
2407.पूर्णिका
2407.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पुश्तैनी मकान.....
पुश्तैनी मकान.....
Awadhesh Kumar Singh
विकल्प
विकल्प
Sanjay ' शून्य'
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
अनिल कुमार
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आ बैठ मेरे पास मन
आ बैठ मेरे पास मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ज़िन्दगी का रंग उतरे
ज़िन्दगी का रंग उतरे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हर बार बीमारी ही वजह नही होती
हर बार बीमारी ही वजह नही होती
ruby kumari
शिक्षा दान
शिक्षा दान
Paras Nath Jha
बहुत हुआ
बहुत हुआ
Mahender Singh
जिंदगी भी फूलों की तरह हैं।
जिंदगी भी फूलों की तरह हैं।
Neeraj Agarwal
विजय या मन की हार
विजय या मन की हार
Satish Srijan
Loading...