Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2017 · 1 min read

*** हम मौन रहे तो ***

हम मौन
रहे तो
ऐसे कई
डांगाबास
घटित होंगे
क्यों
भीतर ही भीतर
सहते हो
क्यों
अपने मन की
नहीं कहते
क्या
जोर जबरदस्ती
है तुम पर
क्या
औरों से
इतना डरते हो
है वक्त नही
अब डरने का
है जोश तो
कुछ करने का
क्यों
दलित -दलित
चिल्लाते हो
क्या
और नही है
तुमसे मुफ़लिस
क्या
रोते है वो
अपनी
हालत पर
संघर्ष नही
जब तक करते
यों बेमौत
रहेंगे हम मरते
फिर
औरों की ओर
है हम तकते
करेंगे सहाय
क्या
वो अपनी
जो अपनी रोटी
को तकते है
बिकते ईमान
धर्म यहां पर है
क्या जाति का दम
तुम भरते हो
हो अन्यायी
चाहे जो भी
उस पापी का
उद्धार करो
सम्भलो
जाति के दीवानों
अब तो कुछ
तुम सुधार करो
पीड़ित पीड़ित
होता है
उसका न जाति
धर्म कोई
जैसे
आततायी
हो कोई
मजहब उसका
न है कोई
फिर काहे
करते हो
बंटवारा
इस स्वच्छ सुंदर
समाज का तुम
ज़हर ना घोलो
दीवानो
इन्सां को इन्सां
रहने दो
मत दोहराओ
इन बातों को
फिर और घटित
न हो डांगाबास ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 287 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
gurudeenverma198
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐अज्ञात के प्रति-154💐(प्रेम कौतुक-154)
💐अज्ञात के प्रति-154💐(प्रेम कौतुक-154)
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इतना हमने भी
इतना हमने भी
Dr fauzia Naseem shad
मित्र भेस में आजकल,
मित्र भेस में आजकल,
sushil sarna
बना चाँद का उड़न खटोला
बना चाँद का उड़न खटोला
Vedha Singh
सीख
सीख
Sanjay ' शून्य'
, गुज़रा इक ज़माना
, गुज़रा इक ज़माना
Surinder blackpen
दुःख हरणी
दुःख हरणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शरद पूर्णिमा पर्व है,
शरद पूर्णिमा पर्व है,
Satish Srijan
यादों के बादल
यादों के बादल
singh kunwar sarvendra vikram
एकांत
एकांत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शुद्ध
शुद्ध
Dr.Priya Soni Khare
" तुम खुशियाँ खरीद लेना "
Aarti sirsat
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
जहाँ बचा हुआ है अपना इतिहास।
जहाँ बचा हुआ है अपना इतिहास।
Buddha Prakash
वोट की राजनीति
वोट की राजनीति
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पन्द्रह अगस्त का दिन कहता आजादी अभी अधूरी है ।।
पन्द्रह अगस्त का दिन कहता आजादी अभी अधूरी है ।।
Kailash singh
■ आज का दोहा
■ आज का दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
हे आशुतोष !
हे आशुतोष !
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
bharat gehlot
मेरा विचार ही व्यक्तित्व है..
मेरा विचार ही व्यक्तित्व है..
Jp yathesht
🔥वक्त🔥
🔥वक्त🔥
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
दोस्त का प्यार जैसे माँ की ममता
दोस्त का प्यार जैसे माँ की ममता
प्रदीप कुमार गुप्ता
रखिए गीला तौलिया, मुखमंडल के पास (कुंडलिया)
रखिए गीला तौलिया, मुखमंडल के पास (कुंडलिया)
Ravi Prakash
भगवान ने कहा-“हम नहीं मनुष्य के कर्म बोलेंगे“
भगवान ने कहा-“हम नहीं मनुष्य के कर्म बोलेंगे“
कवि रमेशराज
ऐ वतन....
ऐ वतन....
Anis Shah
सीख
सीख
Dr.Pratibha Prakash
क्यूँ भागती हैं औरतें
क्यूँ भागती हैं औरतें
Pratibha Pandey
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
surenderpal vaidya
Loading...