हम भी हैं
होश वाले तुम हो गर तो हुस्नदार हम भी हैं
ग़ज़ल की शेखियो में जानदार हम भी हैं
ना इरादा जान लेने का ना दिल जलाने का
नज़र भर देख लो इधर बरखुर्दार हम भी हैं
ना मैखानों में ख़ाक कर जीने की तमन्ना को
तेरी मासूम मोहब्बत के ख्वास्तगार हम भी हैं
शराफत तुम जो रखते हो ख़ुद्दारी खून में मेरे
तेरी नादान शराफ़तों के क़सूरवार हम भी हैं
क्या हुआ जो इश्क में ‘पूनम’ नुमाइश नहीं करती
तेरी मोहब्बत में ऐ ज़ालिम!गिरफ़्तार हम भी हैं
— पूनम पांचाल —