हम बिहार हैं
हम बिहार है।
धन संपदा से परिपूर्ण
फिर भी फटेहाल हैं
हम बिहार हैं।
स्वर्णिम इतीहास मेरा
जनक, मौर्यो का धाम हैं
हम बिहार हैं
गौरवमयी गाथा मेरा
किन्तु आज शर्मसार है
हम बिहार हैं।
राजेन्द्र, जयप्रकाश की
कर्मभूमि हम महान हैं
हम बिहार हैं।
चारा एवं कोयले से
आज दामन दागदर है
हम बिहार हैं।
सभ्यता संस्कृति मेरे
सौर्य का आधार है
हम बिहार हैं।
जात , धर्म भेद ,भाव
आज फंसे सभागार है
हम बिहार है।
कुटिल राजनीति का
केन्द्र बिन्दु हम प्रयाय हैं
हम बिहार है।
मेहनकश जन मेरा
सौन्दर्य व श्रृंगार हैं
हम बिहार है।
ज्ञान योगी,कर्म योगी का
ये धरती पूण्यधाम है
हम बिहार है।
सत्याग्रह के श्री गणेश का
हम पावन प्रयाग हैं
हम बिहार है।
©©पं.सचिन शुक्ल
मुसहरवा प.चम्पारण
बिहार ८४५४५५
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