Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Apr 2020 · 1 min read

मेरे हम नफ़स

इश्क में कितनी सांसें लूं कितनी सांसें छोड़ दूं
क्या इश्क की कश्ती को मझधार में ही तोड़ दूं

मेरे हम ख्याल मेरे हम नफ़स अपनी बाहों का हार दे
या कहे अगर तू तो मैं अपनी ही बाहें मडोड दूं

मैं बुझा रहा हूं रात भर, मेरी चमक सारी उतर गई
मुझे जिस्मों जां की खबर नहीं क्या सांस बुझा सा छोड़ दूं

गर्दो गुबार मेरी जिंदगी बस एक खुशी, तेरी ख्वाबिदगी
मेरे हम नफ़स तू रुका कहां क्या याद तेरी मैं बुहार दूं
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 379 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
समय की कविता
समय की कविता
Vansh Agarwal
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अब हम क्या करे.....
अब हम क्या करे.....
Umender kumar
नन्हें बच्चे को जब देखा
नन्हें बच्चे को जब देखा
Sushmita Singh
"हर कोई अपने होते नही"
Yogendra Chaturwedi
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हालात भी बदलेंगे
हालात भी बदलेंगे
Dr fauzia Naseem shad
मुश्किलों पास आओ
मुश्किलों पास आओ
Dr. Meenakshi Sharma
पिता का पता
पिता का पता
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
तुम्हें तो फुर्सत मिलती ही नहीं है,
तुम्हें तो फुर्सत मिलती ही नहीं है,
Dr. Man Mohan Krishna
कस्तूरी इत्र
कस्तूरी इत्र
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
करीब हो तुम किसी के भी,
करीब हो तुम किसी के भी,
manjula chauhan
🌷🧑‍⚖️हिंदी इन माय इंट्रो🧑‍⚖️⚘️
🌷🧑‍⚖️हिंदी इन माय इंट्रो🧑‍⚖️⚘️
Ms.Ankit Halke jha
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
DrLakshman Jha Parimal
उदर क्षुधा
उदर क्षुधा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बादल
बादल
Shankar suman
*कर्मों का लेखा रखते हैं, चित्रगुप्त महाराज (गीत)*
*कर्मों का लेखा रखते हैं, चित्रगुप्त महाराज (गीत)*
Ravi Prakash
आता है उनको मजा क्या
आता है उनको मजा क्या
gurudeenverma198
"उल्फ़त के लिबासों में, जो है वो अदावत है।
*Author प्रणय प्रभात*
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
Sahil Ahmad
♤⛳मातृभाषा हिन्दी हो⛳♤
♤⛳मातृभाषा हिन्दी हो⛳♤
SPK Sachin Lodhi
..........लहजा........
..........लहजा........
Naushaba Suriya
💐प्रेम कौतुक-262💐
💐प्रेम कौतुक-262💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दिन और रात-दो चरित्र
दिन और रात-दो चरित्र
Suryakant Dwivedi
"कलम और तलवार"
Dr. Kishan tandon kranti
मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
Shweta Soni
// जय श्रीराम //
// जय श्रीराम //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...