हम तो, भ्रष्ट हुए जी l १/१०
हम तो, भ्रष्ट हुए जी l १ /१०
हम तो, भ्रष्ट हुए जी l
माया में, मदमस्त हुए जी ll
तनखा करू हूँ, सो गुना l
शर्म को लागाऊं, चूना ll
नीचता का, नचैया हूँ ना l
पायल पहना, पागल हूँ ना l
नीच हम, झटपट हुए जी l
आतंकी बन, प्रकट हुए जी l
हम तो, भ्रष्ट हुए जी l
माया में, मदमस्त हुए जी ll
अरविन्द व्यास “प्यास”